मासूम पर भारी पड़ी डॉक्टर की लापरवाही, गलत इंजेक्शन ने ली जान

 


अधिकतर ये कहा जाता है कि आधा ज्ञान किसी काम का नहीं होता है. लोग धरती पर डॉक्टर्स को अपना दूसरा साक्षात भगवान कहते है, ऐसा इसलिए क्योंकि तबियत खराब होने या नाजुक होने में वहीं होते हैं, जो हमारी जान बचाते हैं, लेकिन डॉक्टर ही अगर हमारे जान के दुश्मन बन जाएं, तो इंसान किस ओर मदद के लिए बढ़ेंगे. ऐसी ही एक मामला झारखंड़ के गुमला जिले में देखने को मिला है, जहां पर एक झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चे की जान ले ली. मौत का मंजर तो जारी ही है, लेकिन सरकार और जिला प्रसासन ने ऐसे झोलाछाप डाक्टर्स के लिए कोई कड़ा कदम या फैसला नहीं लिया है.

डॉक्टर के कारण गई बच्चे की जान

बतातें चलें कि गुमला शहर के पास करीबन 5 किमी दूर स्थित उर्मि डारटोली गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर के कारण मनप्यार साहू के 3 साल के बेटे मजेश साहू की जान चली गयी. दरअसल, बीते दो दिनों से मजेश की तबियत नहीं ठीक थी, उसे दो दिन से बुखार आ रहा था. जिसके बाद उसके माता-पिता उसे सोसो मोर स्थित एक निजी अस्पता में लेकर गए, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चे को पता नहीं कौन सा इंजेक्शन दिया, जिसके बाद बच्चे की हालत और भी ज्यादा बिगड़ती चली गई.

बातचीत में  मृतक के माता-पिता ने बताया कि उस झोलाछाप डॉक्टर ने उन्हें बच्चे को जो इंजेक्शन दिया वो  और उसकी पर्ची भी नहीं दी. इंजेक्शन लगाने के बाद जल्दी जल्दी में उस डॉक्टर ने बच्चे को अस्पताल भेज दिया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में बच्चे ने दम तोड़ दिया. वहीं  एसएनसीयू में मौजूद डॉ रामप्रसाद ने बताया की ‘मृत बच्चे के शरीर के अंदर किसी भी तरह का कोई साइन सिम्टम्स नहीं मिला है’. उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है कि इंजेक्शन बच्चे के शरीर में रिएक्ट कर गया हो, जिससे बच्चे की मौत हो गई हो, जिसके बाद मृत बच्चे के माता- पिता  ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही है.


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