एक ही नाम से दो शिक्षक, अलग-अलग स्कूलों में नौकरी: जुड़वा बहनों का फर्जीवाड़ा उजागर



मध्य प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में सामने आया ताजा मामला सरकारी तंत्र की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जांच में सामने आया है कि जुड़वा बहनों ने एक ही नाम के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का उपयोग कर अलग-अलग स्कूलों में 18 वर्षों तक नौकरी की और इस दौरान करोड़ों रुपये का वेतन भी लिया।

सूत्रों के अनुसार, दस्तावेजों की जांच के दौरान शिक्षकों की अंकसूची और प्रमाणपत्रों में भारी अनियमितता पाई गई। अब तक 19 ऐसे शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जिनकी शैक्षणिक प्रमाणिकता पर सवाल उठे हैं। इनमें से तीन शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि 16 अन्य की सेवा अभी निलंबित है।

सबसे चौंकाने वाला मामला उन जुड़वा बहनों का है जो एक ही नाम की अंकसूची और बीएड सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर दो अलग-अलग स्कूलों में शिक्षिका के तौर पर नियुक्त रहीं। बताया गया है कि दोनों बहनों ने मिलकर करीब 1.60 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त किया और 80-80 लाख रुपये तक की तनख्वाह अलग-अलग संस्थानों से ली।

प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि दोनों बहनों ने बीएड की अंकसूची से अलग-अलग स्कूलों में आवेदन किया था। जब एक बहन पर फर्जीवाड़े का संदेह गहराया, तो दूसरी की सच्चाई भी सामने आ गई। अब जांच एजेंसियां दस्तावेजों की सत्यता की पड़ताल में जुटी हैं।

यह मामला केवल जुड़वा बहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि वर्षों से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कैसे बिना प्रभावी सत्यापन के लोगों को नियुक्तियां मिलती रहीं। शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही केवल भ्रष्टाचार ही नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ भी है।


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने