भारतीय इंजीनियर ने फेसबुक से दिया इस्तीफा, नफरत फैलाने का लगाया आरोप

फेसबुक में काम कर रहे एक भारतीय इंजीनियर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इंजीनियर ने अपने इस्तीफे के जरिए आरोप लगाया है कि फेसबुक अब नफरत फैलाने वाला प्लेटफॉर्म बन गया है। ऐसे में यहां काम करना काफी मुश्किल होता जा रहा है। बता दें कि इसके लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर अशोक चंदवानी ने 1300 शब्दों का पत्र लिखा है।

वैश्विक स्तर पर बढ़ा रहा नफरत भारतीय
 इंजीनियर ने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि फेसबुक वैश्विक स्तर पर नफरत फैला रहा है। ऐसे में कंपनी में काम करना मुश्किल होता जा रहा है। चंदवानी ने अपने पत्र में फेसबुक के कोर वैल्यूज की भी चर्चा की है। चंदवानी ने कहा है कि कंपनी की पांच कोर वैल्यूज थी - Be Bold, Focus on Impact, Move Fast, Be Open और Build Social Value, लेकिन कंपनी इससे भी भटकती जा रही है।

म्यांमार में हुई हिंसा का लगा था 
आरोप इससे पहले फेसबुक का नाम म्यांमार हिंसा से भी जोड़ा गया था। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने म्यांमार हिंसा के लिए सीधे तौर पर फेसबुक को जिम्मेदार ठहराया था। अशोक ने अपने पत्र में इस मामले की भी चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी लगाया था आरोप 
आरोप इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक पर आरोप लगाया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि फेसबुक के कि अधिकारी भारत के प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की खुलेआम आलोचना करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस बारे में फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी। साथ ही कहा था कि ऐसे लोग अभी भी फेसबुक में काम कर रहे हैं। इससे साफ होता है कि फेसबुक कैसे इन मामलों में अपनी भूमिका निभाता है।
फेसबुक ने दी सफाई 

फेसबुक ने अशोक चंदवानी के इस्तीफे के मामले में अपनी सफाई दी है। कंपनी ने कहा है कि फेसबुक ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं है, और न ही नफरत की राजनीति करके पैसा कमाता है। फेसबुक की प्रवक्ता लिज बुर्जुआ ने कहा कि हमने इस समर सीजन के दौरान फेसबुक से कई नफरत वाले पोस्ट हटाए। साथ ही अपने फैक्ट चेक कार्यक्रम में भी बढ़ोत्तरी की।

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