जानिए पृथ्वी गोल है तो हम लोग नीचे क्यो नही गिरते है ?

 


जानिए पृथ्वी गोल है तो हम लोग नीचे क्यो नही गिरते है ?

अगर पृथ्वी गोल है तो हम पृथ्वी से नीचे क्यों नहीं गिरते है। पृथ्वी पर मौजूद 70 परसेंटेज पानी नीचे क्यों नहीं करता है। पृथ्वी के नीचे के साइड के लोग नीचे क्यों नहीं गिरते है पृथ्वी के साइड के लोग नीचे क्यों नहीं करते है दोस्तो ऐसे कहीं सारे सवाल आपके दिमाग में है और आप इन सवालों का जवाब जानना चाहते हैं दोस्तों यह सारे सवाल कहीं लोगों द्वारा पूछे गए की सर इन सवालों का जवाब दीजिए चलीये आज की रिपोर्ट में हम इन सवालों का जवाब तलाशते हैं

आप कभी सोचते होंगे कि मैं जब भी जंप लगाता हूं तो ऊपर उड़ क्यों नहीं जाता हू। मैं वापस नीचे क्यों आ जाता है। दोस्तो ऐसा गुरुत्वाकर्षण बल यानी ग्रेविटेशन फोर्स के कारण होता है। दोस्तों यह एक ऐसा आकर्षण बल है जो हमें दिखाई नहीं देता है। ग्रेविटेशन फोर्स किसी भी दो पदार्थ वस्तु या कणों के बीच में मौजूद एक आकर्षण बल है ।

ग्रेविटेशनल फोर्स केवल पृथ्वी पर ही नहीं है बल्कि यह पूरे ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों, आकाशीय पिंडो और ब्रह्मांड में मौजूद हर वस्तु के बीच में विद्यमान हैं। दोस्तो कोई भी वस्तु का द्रव्यमान ज्यादा होता है तो उसका ग्रेविटेशनल फोर्स भी अधिक होता हैं यह फार्मूला अपन पृथ्वी पर लाते हैं

हमारी पृथ्वी का द्रव्यमान हमसे यानी मनुष्य से ज्यादा है यही वजह है कि पृथ्वी का ग्रेविटेशनल फोर्स मनुष्य के ग्रेविटेशनल फोर्स से कहीं गुना ज्यादा है इस कारण जब भी हम पृथ्वी पर जंप लगाते है या किसी वस्तु को ऊपर फेंकते है तो वह वापस नीचे आ जाती है। और हमें भी पृथ्वी अपनी ओर खींच लेती है और दोस्तों हमारा ग्रेविटेशनल फोर्स कम होने के कारण हम earth को अपनी और नहीं खींच पाते है सूर्य का द्रव्यमान पृथ्वी से कही गुणा ज्यादा हैं जिस वजह से सूर्य पृथ्वी को अपनी तरफ खींच लेता हैं ।

इसी ग्रेविटेशन फोर्स की वजह से हम पृथ्वी से नीचे नहीं गिरते है और पृथ्वी की सतह से चिपके रहते हैं ग्रेविटेशन फोर्स की वजह से ही पृथ्वी पर मौजूद हर वस्तु नीचे नहीं गिरती है जिसमें पानी भी शामिल है। मोबाइल स्क्रीन पर जो आप पृथ्वी चित्र में जो आप पानी देख रहे ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से ही रुका हुआ हैं।

कई लोग यह भी पूछ रहे थे कि नीचे के साइड के लोग गिरते क्यों नहीं है तो उसका भी आंसर यही है ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से। दोस्तों पृथ्वी के ग्रेविटेशनल एरिया से बाहर निकलने के लिए हमे 11.2 किलोमीटर प्रति सेकंड दूरी तय करते है तो ही ग्रेविटेशनल फोर्स के विपरित जा सकते है। यह दूरी हमें पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर तय करनी है यह दूरी तय है तो हम रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से ही कर सकते है।

यह फोर्स बहुत कम दूरी पर स्थित पिंडो के मध्य भी कार्य करता है और हजारों किलोमीटर दूरी पर स्थित पिंडो के बीच भी कार्य करता है। दोस्तों सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल हम पर पड़ता है लेकिन वह बहुत ही कम होता है जिस वजह से हम उसे महसूस नहीं कर सकते है। हमें केवल पृथ्वी का ही गुरुत्वाकर्षण बल महसूस होता है क्योंकि हम पृथ्वी के बहुत ज्यादा नजदीक ह। जैसे-जैसे हम पृथ्वी से ऊपर जाते जाएंग वैसे वैसे गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव कम होता जाएगा और अगर आप पृथ्वी से 100 किलोमीटर की ऊंचाई तक चले जाते हैं तो आप बिल्कुल ग्रेविटेशनल फोर्स एरिये से बाहर हो जाओगे और आप अंतरिक्ष में उड़ने लग जाओ क्योंकि जब गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव खत्म हो जाता है तो आपका भार एकदम जीरो हो जाता है लेकिन दोस्तों अंतरिक्ष में हवा बिल्कुल भी नहीं जिस वजह से आप वहां जीवित नहीं रह पाओगे।


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