जबलपुर। शहर के बीचोंबीच, कोतवाली थाना क्षेत्र के चेरीताल इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब जयप्रकाश नारायण वार्ड में 70 वर्षीय वृद्धा हीराबाई चौधरी की लाश उनके ही घर से बरामद की गई। हत्याकांड की भयावहता यह है कि वृद्धा के हाथ-पैर बेरहमी से बांध दिए गए थे और दो अन्य युवतियाँ भी उसी हालत में घर में पड़ी मिलीं। यह घटना न केवल जबलपुर की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज की चुप्पी पर भी करारा तमाचा है।
जब परिजन घर पहुंचे तो उनके सामने जो दृश्य था, उसने रूह कंपा दी। बुज़ुर्ग महिला निर्जीव अवस्था में पड़ी थीं और हाथ-पैर रस्सियों से जकड़े हुए थे। वहीं दो युवतियाँ, जिनकी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, उसी कमरे में बंधी मिलीं। यह साफ है कि वारदात को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है।
सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची, मौका-ए-वारदात का निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि यह आश्वासन दे दिया गया कि मामले की जांच शुरू हो चुकी है और “जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होंगे”, लेकिन परिजनों की शिकायतें इस बयान की गंभीरता पर संदेह खड़ा करती हैं।
मृतका के परिजनों ने सीधे तौर पर पड़ोस में रहने वाले एक शख्स पर हत्या का संदेह जताया है। उनका दावा है कि पुरानी रंजिश के चलते यह खौफनाक वारदात की गई है। सवाल यह भी उठता है कि अगर पहले से तनाव था, तो पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी? और अगर थी, तो एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए?