अधिकत्तर लोगों को कभी-कभी बैठे या सोते वक्त पैरों में नस चढ़ जाती है जिससे तेज दर्द होने लगता है. कभी कभी तो नस इतनी तेज चढ़ जाती है कि हम सही से खड़े भी नहीं हो पाते हैं. कहा जाता है कि बार बार नस चढ़ने का कारण कमजोरी हो सकती है. नस चढ़ना मांसपेशियों के सिकुड़ने से बन सकती है.
तंतुओं में खराबी के कारण मांसपेशियों की गांठ बन जाती है, जिसके चलते तेज दर्द होने लगता है. हालांकि ये ज्यादा खतरनाक नहीं होता है. इससे आप ठीक हो जाते हैं. मांसपेशियों पर दबाव पड़ने के कारण नस पर नस चढ़ती है. थकान के कारण पैरों की नस पर नस चढ़ सकती है.
दरअसल सोते वक्त हाथ और पैर में थोड़ा दबाव पड़ने से वो सुन्न हो जाते हैं. पैरों से सीढ़ी चढ़ते हुए घुटने से नीचे के हिस्सों में खिचांव आना, गर्दन के आस-पास के हिस्सों में ताकत की कमी महसूस करना नस पर नस चढ़ने के लक्षण हो सकते हैं. इस दौरान कई बार तेज दर्द होने लगता है जिसे हम सहन नहीं कर पाते हैं.
अगर आपको अक्सर ये समस्या हो जाती है तो आप केला का सेवन करें. केला इसका कारगर इलाज हो सकता है. इसके अलावा शकरकंद, संतरे का जूस, चुकंदर, आलू, खजूर, दही, टमाटर का नियमित सेवन करने से नस चढ़ने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. सर्दियों के दिनों में रात को सोते वक्त सरसों के तेल की मालिश करने से भी आराम मिलता है.
इसी के साथ जिस जगह पर नस पर नस चढ़ गई हो उस जगह पर आप बर्फ की सिकाई भी कर सकते हैं. तेज दर्द होने पर नमक की पोटली बनाकर गर्म सिकाई भी कारगार हो सकती है. इसी के साथ आप पुदीने का सेवन भी कर सकते हैं. आप तेल की मालिश भी कर सकते हैं. हल्दी वाले दूध का सेवन भी फायदेमंद साबित होता है.
इस कारण चढ़ती है नस पर नस-
- शरीर में पानी की कमी होना.
- ब्लड में पोटेशियम, कैल्शियम की कमी
- मैग्नीशियम स्तर कम होना
- खनिज लवण की मात्रा कम होना.
- किसी बिमारी के कारण कमजोरी होना.