प्रदेश के एक दर्जन अफसरों की बढेगी मुश्किलें!

भोपाल । प्रदेश कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर टारगेट पर अधिकारियों की मुश्किलें बढने वाली है। प्रदेश के बदलते राजनीतिक परिद्रश्य का असर उन अधिकारियों पर भी होगा, जिन्होंने कांग्रेस सरकार में भाजपा नेताओं को टारगेट किया था। ऐसे अफसरों में राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता, रीवा नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव, छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा सहित एक दर्जन अफसर शामिल हैं। इन अफसरों से नाराजगी के कारण अलग-अलग हैं, लेकिन कार्रवाई का एक ही उद्देश्य रहेगा, भाजपा कार्यकर्ताओं को टारगेट करना। माना जा रहा है कि भाजपा की सरकार बनते ही इन अफसरों को न सिर्फ मैदानी पोस्टिंग से हटाया जा सकता है, बल्कि इनके खिलाफ मामले भी खोले जा सकते हैं। छिंदवाड़ा के कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा सीधे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर हैं। शर्मा ने अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने जिले के उमरेठ पहुंचे तो चौहान के हेलिकॉप्टर को उतरने की इजाजत नहीं दी गई थी। आखिर चौहान को कार से वहां जाना पड़ा। तब चौहान ने सभा में ही शर्मा को चेतावनी दी थी। चौहान ने कहा था 'पिठ्ठू कलेक्टर सुन ले रे, हमारे दिन भी जल्दी आएंगे, तब तेरा क्या होगा"। राजगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में भाजपा ने जनवरी में रैली निकाली थी। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रशासनिक अफसरों से झड़प हुई और कलेक्टर निधि निवेदिता ने एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो भाजपा नेताओं ने राजगढ़ में सभा की और कलेक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। 
    इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 'क्या सोचा था मैडम, आप कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दोगे और हम चुपचाप घरों में बैठकर भूल जाएंगे। क्या भारत माता की जय बोलने पर थप्पड़ मारे जाएंगे और हम आंख बंद करके बैठ जाएंगे, ये भूल है मैडम"। रीवा नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव भी भाजपा के निशाने पर हैं। यादव ने पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को नोटिस देकर निगम के नुकसान की भरपाई करने को कहा था। नोटिस में वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान शुक्ला द्वारा रानी तालाब और चूना भठ्ठा के विस्थापितों को रतहरा व रतरही में मकान देने का वादा किया था। इसके बाद लोगों ने मार्जिन मनी दिए बगैर कब्जा कर लिया। इससे निगम को नुकसान हुआ। इसका शुक्ला ने जबाव दिया। यादव ने शुक्ला को पांच करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस दिया है।अशोक नगर कलेक्टर रहते हुए भास्कर लक्षकार ने राजगढ़ थप्पड़ कांड के बाद भाजपा नेताओं की राजगढ़ में सभा और उसमें अफसरों के खिलाफ बोले गए शब्दों को लेकर तीखी आपत्ति दर्ज करवाई थी। लक्षकार ने फेसबुक पर इसके खिलाफ लंबी पोस्ट डाली थी। इस घटना को लेकर प्रदेश के अन्य कलेक्टर और मैदानी अफसर भाजपा के खिलाफ मुखर हुए थे। इतना ही नहीं, अफसरों के पक्ष में आईएएस एसोसिएशन को भी मैदान में उतरना पड़ा था। एसोसिएशन ने घटना की निंदा की थी। हाल ही में पूर्व मंत्री संजय पाठक के खिलाफ कार्रवाई करने वाले उमरिया कलेक्टर भी भाजपा के निशाने पर हैं। कमल नाथ सरकार ने माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ा था। इसी के तहत सियासी घमासान के बीच उमरिया कलेक्टर ने पूर्व मंत्री पाठक का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नजदीक स्थित रिसॉर्ट तोड़ दिया। 
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