गढ़चिरौली: लैंडमाइन बिछा जवान कर रहे थे नक्सलियों का इंतजार

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरक्षा बलों ने बीते दो दिनों में 37 नक्सलियों को मार गिराया. यह पहला ऐसा ऑपरेशन है जिसमें सुरक्षा बलों को इतने बड़े पैमाने पर कामयाबी मिली है. अब तक किसी भी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने इतने नक्सली नहीं मार गिराए थे.
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र पुलिस को यह खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सलियों का जत्था अहेरी तहसील के कसनासुर और नैनेर जंगल से होकर गुजरेगा और इंद्रावती नदी के किनारे वो कैंप लगाने वाले हैं.
इस बारे में एसपी अभिनव देशमुख ने बताया कि, "जहां एनकाउंटर हुआ वहां 2 किमी तक अलग-अलग जगह नक्सलियों के कैंप लगने वाले थे. इसके पहले ही सुरक्षा बल खुफिया जानकारी के आधार पर हथियारों से लैस होकर इलाके में पहुंचे और जगह-जगह लैंड माइन लगाईं. बाद में सुरक्षा बल घात लगाए बैठे गए. तभी नक्सलियों का जत्था पहुंचा और सुरक्षा बलों ने कई ग्रेनेड दागे और फायरिंग शुरु की."
देशमुख ने आगे बताया कि, " एनकाउंटर सुबह 8.45 बजे शुरु हुआ. सुरक्षा बलों ने करीब  2000 राउंड फायर किए. बचने के लिए कुछ नक्सली इंद्रावती नदी में कूद गए. कई नक्सलियों के शव अब भी नदी से बरामद हो रहे हैं. एनकाउंटर करीब 11 बजे तक चला. कुछ नक्सली भागने में भी कामयाब रहे. उनकी तलाश जारी है." 
इस एनकाउंटर के बारे एडिशनल डायरेक्टर जनरल कनकरत्नम ने बताया कि जवानों के हमला करते ही कुछ नक्सली जान बचाने इंद्रावती नदी में कूदे. कुछ को शायद तैरना नहीं आता था इसलिए वो डूब गए. वहीं, संभावना है कि कुछ पर मगरमच्छों ने हमला कर दिया.
उन्होंने बताया कि इंद्रावती नदी के आस-पास का इलाका संकरा और पथरीला है. इस कारण हमले के बाद नक्सली भाग नहीं पाए. ना ही उन्हें छिपने के लिए कोई जगह मिली.
गौरतलब है कि रविवार सुबह भामरागड़ तहसील में महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे कसनापुर-बोरिया जंगल क्षेत्र में इंद्रावती नदी तट पर विशेष अभियान दल (सी-60) के कमांडो व सीआरपीएफ की 9वीं बटालियन के जवानों ने मिलकर मुठभेड़ में 16 नक्सलियों को मार गिराया था.
इनमें दो डिविजनल कमांडर- साईनाथ और श्रीनू भी शामिल थे. दोनों पर राज्य सरकार ने 16-16 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था.साईनाथ के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 75 तो वहीं श्रीनू के खिलाफ 82 मामले दर्ज किए गए थे. सोमवार को 16 में से 11 नक्सलियों के शवों की शिनाख्त हो पाई. अन्य नक्सलियों के शवों की शिनाख्त का काम भी जारी है.

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