तोड़फोड़ और हिंसा के बाद एमपी के किसानों ने स्थगित किया आंदोलन

मध्यप्रदेश में तोड़फोड़, हिंसा, लूटपाट और आगजनी के बीच किसान आंदोलन के स्थगित होने का दावा किया जा रहा है. किसान संघ ने दावा किया है कि सरकार ने उनकी मांग मान ली है, जिसके बाद आंदोलन स्थगित किया जाता है.

हालांकि, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एक अन्य संगठन किसान सेना का दावा है कि आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है.

दरअसल, उज्जैन में किसान संघ और किसान सेना के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसान की कल्याण में कार्य करती रही है.

8 रुपए प्रति किलो प्याज खरीदेगी सरकार

मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक के बाद ट्वीट कर जानकारी दी कि, एमपी सरकार किसान हितैषी है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिए कार्य करती रहेगी. मुझे खुशी है कि हमारे किसान भाइयों ने आंदोलन वापस ले लिया है. किसानों से प्याज अब 8 रुपए प्रति किलो में खरीदा जाएगा. प्याज बेचने के लिए किसानों के पास 30 जून तक का समय है.
किसानों ने यह आंदोलन एक जून से शुरू किया था और यह 10 जून तक चलना था. शुरुआती दिनों से ही आंदोलन में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. मालवा सहित कई इलाकों में आगजनी हुई.

सीएम ने कहा कि मूंग को भी समर्थन मूल्य से खरीदा जाएगा. किसानों को 50 प्रतिशत नगद और बाकी का आरटीजीएस (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. बीमा योजना ऐच्छिक होगी. बिचौलिए पर नकेल कसे जाएंगे. आंदोलन में किसानों पर लगे केस वापस होंगे.

किसानों को होंगे ये फायदे
किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं, उनका 50 फीसदी उन्हें अब नकद भुगतान प्राप्त होगा और 50 फीसदी आरटीजीएस किया जाएगा. मूंग की फसल सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.

किसानों का प्याज 8 रुपए प्रति किलो पर सरकार खरीदेगी. यह खरीदी तीन-चार दिन में चालू हो जाएगी और जून के अंत तक चलेगी. सब्जी मंडियों में किसानों को ज्यादा आड़त देनी पड़ती है, इसे रोकने के लिए सब्जी मंडियों को मंडी अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा.

शिवराज ने साफ किया कि फसल बीमा योजना को ऐच्छिक बनाया जाएगा. नगर और ग्राम निवेश एक्ट के अंतर्गत जो भी किसान विरोधी प्रावधान होंगे, उन्हें हटाया जाएगा.

आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए, उन्हें समाप्त किया जाएगा. प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है और सदैव किसान की कल्याण में कार्य करती रहती है.

बाद में भारतीय किसान संघ के शिवकांत दीक्षित ने बताया कि सरकार ने उनकी सारी बातें मान ली है. ऐसे में इस आंदोलन को स्थगित किया जाता है.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने