जबलपुर। संभाग की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में शनिवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आए कृषि विपणन विभाग के प्रतिनिधि मंडल ने एक दिवसीय प्रशिक्षण लिया। 11 सदस्यीय दल ने मंडी परिसर का भ्रमण कर फसल की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया, नीलामी प्रणाली और पारदर्शिता के तौर-तरीकों को समझा।
कृषि उपज मंडी सचिव आर.के. सैय्याम ने बताया कि यह प्रशिक्षण आंध्र प्रदेश-तेलंगाना कृषि विपणन विभाग द्वारा प्रायोजित था, जिसमें 9 सेवारत मंडी सचिव शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान मंडी समिति जबलपुर ने कृषि उपज मंडी अधिनियम के प्रावधानों और नियमों का विस्तार से अवलोकन कराया। भ्रमण के समय कृषकों की कृषि उपज की विक्रय-नीलामी प्रक्रिया का प्रत्यक्ष अवलोकन भी कराया गया।
ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर डीएमआई राघवेन्द्र (एसएम मार्केट सेक्रेटरी) 132वें प्रशिक्षण बैच के तहत मंडी पहुंचे थे। इस दौरान मंडी के राजेन्द्र चौधरी और अनिकेत सिंह ने प्रतिनिधि मंडल को फल मंडी, हरी सब्जी मंडी और आलू-प्याज मंडी का भ्रमण करवाया और खरीद-बिक्री की कार्यप्रणाली समझाई।
मंडी सचिव सैय्याम ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों ने जबलपुर मंडी की उस व्यवस्था को भी देखा, जिसमें किसानों की उपज बिना कमीशन एजेंट के सीधे व्यापारियों को बेची जाती है और उसका भुगतान किसानों को उसी दिन किया जाता है।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि जबलपुर मंडी से उन्हें नई और उपयोगी जानकारी मिली है, जिसे वे अपने-अपने कार्यस्थलों पर लागू करेंगे। उनका मानना है कि इस सीख से उनकी कृषि उपज मंडियों में भी महत्वपूर्ण सुधार होंगे।