सुबह करीब 8:30 बजे हुआ यह हादसा, उस लापरवाही की तस्वीर बन गया जो तीन साल से चल रहे इस ओवरब्रिज निर्माण कार्य में छिपी थी। बताया जा रहा है कि क्रेन एक बड़े सीमेंट पिलर को शिफ्ट कर रही थी, तभी संतुलन बिगड़ने से वह पलट गई और नीचे से गुजर रहे दोनों वाहनों पर गिर पड़ी।
मौके पर हड़कंप, रेस्क्यू में जुटे स्थानीय लोग
हादसे के बाद आस-पास मौजूद मजदूरों और राहगीरों ने खुद राहत कार्य शुरू किया। कुछ ही देर में सागौर थाना पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई।
दोनों शवों को मलबे से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। धार एसपी मयंक अवस्थी और एएसपी पारुल बेलापुरकर ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
क्रेन के नीचे ‘सपोर्ट प्लेट’ नहीं रखी गई थी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे की जड़ लापरवाही थी क्रेन के नीचे लोहे की प्लेट नहीं रखी गई थी, जिससे ज़मीन धंस गई और क्रेन का संतुलन बिगड़ गया। भारी पिलर उठाते वक्त उसका एक हिस्सा सड़क में धंस गया और पूरी क्रेन पलट गई।
‘ओवरटेक की कोशिश में हुआ हादसा’ एएसपी पारुल बेलापुरकर
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारुल बेलापुरकर ने बताया कि घटना के समय पिकअप वाहन संकरी सड़क से गुजर रहे थे। उसी दौरान क्रेन पिलर उठा रही थी। बताया गया कि पिकअप चालक ने ओवरटेक करने की कोशिश की, और तभी यह भीषण हादसा हुआ।
दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जबकि घायलों का इलाज पीथमपुर अस्पताल में चल रहा है।
तीन साल से अधूरा निर्माण, अब सवालों के घेरे में ठेकेदार
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ओवरब्रिज पिछले तीन सालों से निर्माणाधीन है, और रोज़ाना बिना सुरक्षा प्रबंधों के काम किया जाता है। अब यह हादसा ठेकेदार और निर्माण एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है — क्या पीथमपुर की औद्योगिक रफ़्तार अब प्रशासनिक लापरवाही के नीचे दबने लगी है?
