आरडीवीवी में डिजिटल क्रांति की शुरुआत, कुलगुरु ने कसी कमर



कुलगुरु प्रो. वर्मा ने दिए समय-सीमा में काम पूरा करने के निर्देश

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीवीवी) में डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को गति देने के लिए कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने कमर कस ली है। विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि यह कार्य केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव का प्रयास है।

कुलगुरु ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय-सीमा में यह काम पूरा होना जरूरी है। उन्होंने कहा—“डिजिटलाइजेशन से मिलने वाले परिणाम विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत होंगे। सभी को अधिकारिता के अनुसार आत्मविश्वास से कार्य करना होगा और आने वाली समस्याओं का समाधान भी स्वयं खोजना होगा।”

दो चरणों में होगा कार्य

बैठक में तय हुआ कि प्रथम चरण में 1 जनवरी 2024 से 31 मार्च 2025 तक के सभी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में पूर्व वर्षों के समस्त विभागों के रिकार्ड को भी डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित किया जाएगा।

किन दस्तावेजों का होगा डिजिटलाइजेशन

कुलगुरु प्रो. वर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा-पुस्तिकाएं, लेखा शाखा की प्राप्ति और भुगतान नस्तियां, बैंक व्यवहार विवरण, टेंडर प्रक्रिया व कार्य आदेश, वार्षिक लेखा, भंडार शाखा के रिकार्ड-बिल-आदेश, स्थापना शाखा से जुड़े नियुक्ति-पदोन्नति आदेश, समयमान वेतनमान आदेश, अधिसूचनाएं, न्यायालय प्रकरण और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल होंगे।

साथ ही परीक्षा एवं गोपनीय विभागों के टेबुलेशन रजिस्टर, डिग्रियां, अंकसूचियां तथा अन्य गोपनीय दस्तावेज भी डिजिटल रूप में सुरक्षित किए जाएंगे।

फायदे होंगे अनेक

कागजी दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटलाइज करने से रिकार्ड वर्षों तक सुरक्षित रहेंगे। इससे न सिर्फ दस्तावेज आसानी से उपलब्ध होंगे, बल्कि कागज की खपत घटेगी, आर्थिक बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह कार्य टेंडर प्रक्रिया के जरिए अनुभवशील कंपनियों या संस्थाओं को सौंपा जाएगा। बैठक में प्रो. सुरेन्द्र सिंह, प्रो. मृदुला दुबे, सहायक कुलसचिव पवन साहू, डॉ. अजय कुमार गुप्ता और डॉ. विनय तिवारी उपस्थित रहे।

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