शहडोल (मध्य प्रदेश)।सोहागपुर थाना क्षेत्र के रोहनिया गांव में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। स्कूल से लौटने के बाद नाले में नहाने गए तीन मासूम बच्चे साहिल यादव, शौर्य यादव और उनका चचेरा भाई शिवम यादवदुर्घटनावश पानी की गहराई में समा गए। ग्रामीणों के प्रयास के बावजूद तीनों को बचाया नहीं जा सका।
खेल-खेल में तीन ज़िंदगियां बुझ गईं
चश्मदीदों के मुताबिक, तीनों बच्चे स्कूल से लौटने के बाद घर के पास स्थित नाले में नहाने गए थे। नाले में पानी भरा था और उसकी गहराई का उन्हें अंदाज़ा नहीं था। नहाते वक्त अचानक पैर फिसलने से तीनों बच्चे गहरे पानी में चले गए। जब तक आसपास मौजूद लोगों ने शोर सुनकर बचाव का प्रयास किया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गांव में पसरा मातम, बेसुध हैं परिजन
एक ही परिवार के तीन बच्चों की एक साथ मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। केरहाई टोला की गलियों में मातम पसरा है। साहिल और शौर्य सगे भाई थे, जबकि शिवम उनका चचेरा भाई। तीनों के शव जब गांव लाए गए, तो हर आंख नम थी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव ने दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े होकर एकजुटता दिखाई।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
घटना की सूचना मिलते ही सोहागपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नाले के किनारे कोई सुरक्षा दीवार या चेतावनी चिह्न मौजूद था या नहीं।
यह हादसा एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और खुले जलस्रोतों की अनदेखी को उजागर करता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में स्थित ऐसे नालों, कुओं और जलाशयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, जहां बच्चे अक्सर खेलते या नहाने जाते हैं।
'रोज की तरह स्कूल से लौटे थे, नहीं जानते थे मौत उनका इंतज़ार कर रही है'
तीनों बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते थे और हर दिन की तरह मंगलवार को भी पढ़ाई के बाद घर लौटे थे। परिजन बताते हैं कि खाना खाकर वे नहाने चले गए थे। किसी को क्या पता था कि वो दिन उनके जीवन की आखिरी दोपहर होगी।