हरियाणा के जींद में एक दर्दनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति की बेरहमी से हत्या कर दी। यह प्रेम नहीं, अपराध का ऐसा घिनौना चेहरा है, जिसमें इंसानियत को कुचलकर रिश्तों की पवित्रता को तार-तार कर दिया गया। पति की हत्या में उसकी पत्नी ही शामिल हो इससे बड़ी त्रासदी और क्या हो सकती है? इस साजिश का शिकार सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हुआ, बल्कि सबसे बड़ा घाव उस मासूम चार साल के बच्चे को मिला है, जो अब मां-बाप दोनों से वंचित हो गया है।
72 घंटे में खुली हत्या की परतें
जीआरपी जींद ने युवक साजिद की हत्या का राज महज 72 घंटे में सुलझा लिया। शव 13 जून को ईंट-भट्ठा जयपुर के पास रेलवे ट्रैक किनारे बरामद हुआ था। प्रारंभिक जांच में शव पर चोटों के गंभीर निशान थे, पास में चाकू और डंडा मिला था। लाश इस कदर सड़ चुकी थी कि पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज खानपुर भेजा, जहां से शव परिजनों को सौंपा गया।
हत्या के बाद यह एक सामान्य केस लग रहा था, लेकिन मोबाइल लोकेशन और तकनीकी निगरानी ने ऐसी परतें खोलीं, जो पुलिस टीम को भी चौंका गईं।
पत्नी निकली कातिल, प्रेमी था साथ
साजिद की पत्नी कुलफसा की मोबाइल लोकेशन हत्या की रात घटनास्थल के पास पाई गई। यही नहीं, उसी वक्त पर मौजूद एक और नंबर की लोकेशन भी वहीं मिली, जो उसके प्रेमी और मृतक के चचेरे भाई मोहम्मद खालिद का था। पुलिस ने कुलफसा को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की, तो उसने स्वीकार किया कि उसने ही प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया।
योजना के तहत रची गई हत्या
कुलफसा ने पुलिस को बताया कि वह पिछले तीन साल से अपने पति के चचेरे भाई मोहम्मद खालिद के साथ अवैध संबंधों में थी। दोनों के बीच इस रिश्ते को लेकर झगड़े होते थे, जिसके चलते उन्होंने साजिद को रास्ते से हटाने की साजिश रची। 10 जून को कुलफसा ने खालिद को उत्तर प्रदेश से जींद बुलाया। 13 जून की रात, कुलफसा ने अपने पति को शौच के बहाने रेलवे ट्रैक किनारे ले जाकर पहले से मौजूद खालिद के साथ मिलकर चाकू और डंडे से हमला कर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद खालिद अपने गांव बड़ौदा (जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश) भाग गया, जबकि कुलफसा वापस अपनी झोपड़ी में लौट गई जैसे कुछ हुआ ही न हो।
मोबाइल ट्रैकिंग और महिला पुलिस की टीम ने किया पर्दाफाश
मोबाइल लोकेशन और तकनीकी निगरानी से अपराधियों तक पहुंचना आसान हुआ। इंस्पेक्टर श्याम सिंह के नेतृत्व में बनी टीम जिसमें एएसआई हरिओम, एएसआई कविता, एलएचसी संदीप कौर, मुकेश, रिंकी, आशु मलिक और जिले सिंह शामिल थे ने उत्तर प्रदेश के बड़ौदा गांव में दबिश देकर आरोपी खालिद को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।
चार साल का मासूम बना सबसे बड़ा पीड़ित
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा झटका उस मासूम चार वर्षीय बच्चे को लगा है, जो अब एक साथ अपने मां और पिता दोनों को खो चुका है। एक जेल की सलाखों में है, तो दूसरा श्मशान की आग में जल चुका है। प्रेम में पागल होकर की गई यह साजिश एक बच्चे की पूरी जिंदगी को अंधेरे में धकेल गई।