स्कूल बस की टक्कर से डॉक्टर की मौत: बस में नहीं था कोई छात्र, बारात लेकर लौट रहा था ड्राइवर

 


भोपाल। राजधानी में 12 मई को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में एक युवा महिला डॉक्टर की जान चली गई थी। यह दुर्घटना बाणगंगा क्षेत्र में हुई थी, जहां एक स्कूल बस ने पहले कई राहगीरों को रौंदा और फिर एक कार सहित कुल आठ वाहनों को टक्कर मार दी। हादसे में डॉक्टर आयशा की मौके पर ही मौत हो गई थी। अब इस मामले में अहम खुलासे हुए हैं सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस स्कूल बस ने यह तबाही मचाई, उसमें एक भी छात्र सवार नहीं था।

दरअसल, आरोपी ड्राइवर विशाल स्कूल बस को बारातियों को लेकर ले जा रहा था। पुलिस जांच में सामने आया है कि बस में उस वक्त करीब 30 बाराती सवार थे, जो रविवार रात को कोलार में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे। अगली सुबह लौटते समय बस बैरसिया रोड होते हुए जब पीतल मंदिर घाटी के पास पहुंची, तो बस के ब्रेक फेल हो गए और वह बेकाबू हो गई।

घटना स्थल पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक, बस की रफ्तार काफी तेज थी और नियंत्रण खोने के बाद उसने एक के बाद एक आठ वाहनों को टक्कर मारी। अंत में बस डिवाइडर से टकरा कर रुकी। हादसे के तुरंत बाद बाराती मौके से फरार हो गए, और ड्राइवर विशाल भी पैदल भागते हुए हलालपुरा बस स्टैंड पहुंचा, वहां से वह अपने गांव निकल गया।
ड्राइवर के पास नहीं था व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ड्राइवर विशाल के पास कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। वह सामान्यतः गांव में एक निजी कार चलाता है। पूछताछ में विशाल ने बताया कि बस श्रीनंदा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी की थी, जिसे प्रदीप पांडे नामक व्यक्ति ने प्रवेश नागर को बेचा था। प्रवेश के पास दो और बसें भी हैं, जिन्हें वह स्थानीय आयोजनों में किराए पर देता है। घटना वाले दिन बस को 15,000 रुपए में बारात के लिए किराए पर दिया गया था।
नशे की आशंका पर मेडिकल कराया गया

पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि दुर्घटना के वक्त ड्राइवर नशे में तो नहीं था, उसका मेडिकल परीक्षण भी कराया है। फिलहाल उसकी रिपोर्ट का इंतजार है।

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