मनरेगा में मृतकों से कराई मजदूरी! जबलपुर की पंचायत में चौंकाने वाला घोटाला उजागर



ईओडब्ल्यू की जांच में खुली पोल, सरपंच-उपसरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप


जबलपुर (मध्य प्रदेश)।प्रदेश में सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। अब जबलपुर जिले की पाटन जनपद पंचायत की एक ग्राम पंचायत में ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसने व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम पंचायत बयाखेड़ा में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत मृत लोगों के नाम पर न सिर्फ मस्टर रोल तैयार किए गए, बल्कि उनके नाम पर मजदूरी की राशि भी निकाल ली गई। चौंकाने वाली बात यह है कि मृतकों के फर्जी हस्ताक्षर भी दर्ज किए गए, जैसे वे जीवित हों और काम पर उपस्थित रहे हों।

इस गंभीर अनियमितता का खुलासा तब हुआ जब आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में ही आरोपों की पुष्टि हो गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायत की सरपंच पुन्नू कोल, उपसरपंच राजेन्द्र यादव और सचिव देवश्री यादव ने मिलीभगत कर यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया।
मृत व्यक्ति के नाम से भुगतान, हस्ताक्षर भी "कराए" गए

ईओडब्ल्यू की जांच में यह तथ्य सामने आया कि अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण कार्य के दौरान मृतक कन्नू लाल बर्मन का नाम मस्टररोल में दर्ज किया गया। कन्नू लाल की मृत्यु कई वर्ष पूर्व हो चुकी थी, इसके बावजूद उसके नाम से मजदूरी निकाली गई और दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर दर्शाए गए। यह कृत्य सरपंच और उपसरपंच की मौजूदगी में किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भी अनियमितता

ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया कि उपसरपंच राजेन्द्र यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र लाभार्थियों को शामिल कराया। ग्राम खिरहनी की सुषमा यादव, जो पात्रता की शर्तों पर खरी नहीं उतरतीं, को लाभ दिलवाया गया। साथ ही उपसरपंच ने अपनी मां और पत्नी को भी विभिन्न सरकारी योजनाओं से अनुचित लाभ दिलाया।



एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने