मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के नईगढ़ी क्षेत्र में स्थित शासकीय उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास में शनिवार रात एक भयानक हादसा हुआ। रात 11:30 बजे के करीब हॉस्टल में सिलेंडर फटने से 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें 7 छात्र और एक रसोइया शामिल हैं। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इसे तीन किलोमीटर दूर तक सुना गया। हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और तत्काल राहत कार्य शुरू किए।
हादसे का घटनाक्रम
शनिवार रात छात्र अपने कमरों में सो रहे थे। उसी समय हॉस्टल के रसोइया राम रहीश कोल (33) को गैस लीक और जलने जैसी बदबू महसूस हुई। उन्होंने तुरंत बच्चों को सतर्क करने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि स्थिति संभल पाती, सिलेंडर में भयंकर विस्फोट हो गया। धमाका इतना जोरदार था कि छात्रावास परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
घायलों की हालत
हादसे में 8 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की स्थिति अत्यंत गंभीर है। घायलों में शामिल 15 वर्षीय शिवेंद्र साकेत का एक पैर घटनास्थल पर ही कट गया। अन्य घायलों में संदीप कुमार साकेत (15), शिवम साकेत (16), प्रिंस साकेत (17), रंजीत साकेत (18), मोहित साकेत (16), राजराखन साकेत (16) और रसोइया राम रहीश कोल शामिल हैं।
घायलों को तुरंत मऊगंज अस्पताल ले जाया गया और वहां से रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, कुछ छात्रों के कान के पर्दे फट गए हैं और अन्य को गंभीर जलन व चोटें आई हैं।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया और घायलों के उपचार के लिए तत्काल निर्देश दिए।
हादसे का कारण
धमाके के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। प्रारंभिक जांच में गैस लीक को हादसे की वजह माना जा रहा है। कलेक्टर ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है।
सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने सरकारी छात्रावासों में सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे संस्थानों में गैस सिलेंडर और अन्य खतरनाक उपकरणों की नियमित जांच अनिवार्य है।