आज की दौड़-भाग भरी जिन्दगी में मन और दिमाग का अशांत रहना एक आम बात है। मन को शांत करना नामुमकिन तो नहीं होता है लेकिन मन को शांत करने के लिए टिप्स और उपाय को सही तरीके से इस्तेमाल करना जरुरी होता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है। मन अशांत रहने के कारण हम कई बार बड़े फैसले नहीं ले पाते हैं और छोटी-छोटी बातों में गलतियां करते हैं। हमारा दिमाग हमारा मन उस तरफ आकर्षित रहता है जहां हम नहीं सोचना चाहते। इन्हीं गलतियों से बचने और मन को शांत करने में मन को शांत करने के उपाय काफी लाभकारी हो सकते हैं। मन की दुविधा को दूर करने तथा मन व दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं, जिनके बारे में हम यहाँ बताने जा रहें हैं।
मन को शांत करने के उपाय
योगा करें :
अपने मन को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है कि योगा किया जाए। योगा करने से दिमाग और मन दोनों ही शांत होते है। योगा का मुख्य फायदा होता है मन को शांत करना है। योगा की मदद से काफी कम समय में मन को शांत किया जा सकता है। योगा के कुछ ऐसे प्रकार भी होते है जिनकी मदद से बहुत समय के लिए दिमाग को शांत किया जा सकता है।
किसी शांत दृश्य पर अपना ध्यान केंद्रित करें :
किसी दृश्य पर ध्यान केंद्रित करने से आपका दिमाग शांत होता है। ये तकनीक आपको थोड़ी मैडिटेशन के समान लग सकती है, लेकिन इसमें एक फर्क है। किसी भी शब्द या विचार को सोचने के बजाए केवल शांति या ख़ुशी देने वाले दृश्य पर ध्यान दें। जैसे – “आप सुबह उठे और कई साल से आप जिस दोस्त से मिले नहीं हैं उसे देखकर आप ख़ुशी से झूम उठे”। कुछ इसी तरह के सकरात्मक दृश्यों के बारें में दस मिनट तक सोचें। इस तरह आपका मन व दिमाग शांत होगा और रिलैक्स महसूस करेगा।
गहरी सांस लें :
मन को शांत रखने का अचूक मंत्र गहरी सांस लेना है। जब हम अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तब हमारे दिमाग में अच्छे रसायन स्रावित होते हैं, जो मन को कंट्रोल करने तथा मन को खुश रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मन शांत रखने के लिए नियमित रूप से पांच बार गहरी सांस लेना और कुछ देर बाद सांस को छोड़ना चाहिए। गहरी सांस लेते समय फेफड़े और डायफ्राम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे मन और मस्तिष्क में भावनात्मक विचार नहीं आते हैं, और तुरंत शांति, राहत और एक अलग तरीके का सुकून मिलता है।
सकारात्मक विचार रखे :
जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदल देंगे तो आपको अच्छे नतीजे मिलना शुरू हो जायेंगे। एक पुराना कहावत है जैसा आप सोचेंगे वैसा आप बन जायेंगे, इसका मतलब अगर आप सकारत्मक विचार रखते है तो आप सकारत्मक बनेगे लेकिन अगर आप नकारात्मक विचार रखेंगे तो वैसा ही बन जायेंगे।
सकारात्मक विचार भर से ही आपको अद्भुत बदलाव देखने को मिलेगा। अगर आप रोजामर्रा के जीवन मे सिर्फ अपने व लोगो के विचारो के प्रति सकारात्मक रहते है तो, जीवन मे अकल्पनीय बदलाव देखने को मिलेगा।