जबलपुर। शहर के प्रतिष्ठित वाहन डीलर शुभ मोटर्स में 98 लाख रुपये की चौंकाने वाली धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कंपनी के ही तीन कर्मचारियों ने मिलकर यह साजिश रची और सॉफ्टवेयर सिस्टम में सेंध लगाकर रकम को करीब 44 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। घोटाले का तरीका इतना सुनियोजित था कि संचालक को चार साल तक भनक तक नहीं लगी।
तीन कर्मचारियों की मिलीभगत, बनाया फर्जी लॉगिन सिस्टम
शुभ मोटर्स के मालिक महेश केमतानी ने मदनमहल थाने में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि कंपनी के तीन कर्मचारियों संदीप मिश्रा, मुस्कान खान उर्फ नसीम बानो और नेहा विश्वकर्मा ने मिलकर उनकी कंपनी को ₹97,87,150 का चूना लगाया। आरोपियों ने 'टेली ऑटो वेन' नामक सॉफ्टवेयर के जरिए एक अन्य कर्मचारी की फर्जी आईडी तैयार की और उसी से आरटीजीएस फॉर्म में हेरफेर करते हुए पैसे अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।
44 खातों में भेजे गए थे पैसे, पुलिस ने एक आरोपी को दबोचा
पुलिस जांच में अब तक यह बात सामने आई है कि यह गबन 3 अप्रैल 2021 से 13 अप्रैल 2025 के बीच किया गया। इस दौरान रकम कुल 44 अलग-अलग बैंक खातों में भेजी गई।
मदनमहल पुलिस ने मुस्कान खान उर्फ नसीम बानो को गिरफ्तार कर लिया है। वह गढ़ा क्षेत्र की रहने वाली है। दो अन्य आरोपी संदीप मिश्रा (धनवंतरी नगर, गढ़ा) और नेहा विश्वकर्मा (ग्वारीघाट) अभी फरार हैं। उनकी तलाश में टीमें गठित कर दबिशें दी जा रही हैं।
धोखाधड़ी छिपाने की भी थी मजबूत प्लानिंग
जांच अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने सिर्फ रकम ट्रांसफर ही नहीं की, बल्कि लेन-देन के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़ कर पूरे सिस्टम को धोखा दिया। सॉफ्टवेयर में फर्जी एंट्री कर गबन को छिपाने की भरसक कोशिश की गई। इससे यह घोटाला लंबे समय तक कंपनी की नज़रों से छुपा रहा।
पुलिस की जांच कई और एंगल पर केंद्रित
पुलिस अब इस बात की तहकीकात कर रही है कि इस घोटाले में कहीं कंपनी के अंदर और कोई कर्मचारी या बाहरी नेटवर्क तो शामिल नहीं था? साथ ही यह भी जांच चल रही है कि क्या इस ट्रायो ने पहले भी किसी दूसरी फर्म में इसी तरह की वारदात की थी।