आज है गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन, मां दुर्गा को 9 दिन लगाएं ये भोग, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी



हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और साल में कुल चार बार नवरात्रि आते हैं. जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जबकि माघ और आषाढ़ माह में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं जो कि तांत्रिक पूजा से जुड़े हुए हैं. इस दौरान महाविद्या के 10 स्वरूपों का पूजन किया जाता है. माघ माह के गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी 2023 से शुरू हो गए हैं और नवरात्रि का दूसरा दिन है. अगर आप भी मां दुर्गा व उनकी शक्तियों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो 9 दिनों अलग-अलग भोग मां दुर्गा को लगाएं.
गुप्त नवरात्रि का महत्व

हिंदू धर्म में कुल चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है. जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वहीं गुप्त नवरात्रि का भी उतना ही महत्व है लेकिन इन्हें कुछ ही लोग मनाते हैं. क्योंकि इस दौरान महाविद्या के 10 स्वरूपों का पूजन किया जाता है. गुप्त नवरात्रि को लेकर मान्यता है कि इन्हें जितना गुप्त रखा जाता है मां भगवती उतनी ही प्रसन्न होती हैं.
गुप्त नवरात्रि के 9 दिन के भोगनवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है और उन्हें सफेद रंग से बनी वस्तुओं का भोग लगाया जाता है. कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को रोग रहित जीवन प्राप्त होता है.
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होता है. उन्हें मिश्री और पंचामृत से बना प्रसाद चढ़ाया जाता है. इससे व्यक्ति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है.
तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है और उन्हें दुध व दुध से बने उत्पाद चढ़ाए जाते हैं. इससे भक्तों को सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है.
चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन किया जाता है. उनकी पूजा करने से व्यक्ति को तेज दिमाग और सूझबूझ भरे फैसले लेने की क्षमता हासिल होती है. मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए मालपुए का प्रसाद अर्पित करना चाहिए.
अगर आप स्वस्थ्य जीवन और अच्छी सेहत का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करें और उन्हें केले का भोग लगाएं.
छठे दिन मां कात्यायनी को शहद व शहद से बना भोग अर्पित करें. कहते हैं कि ऐसा करने से मनुष्य का व्यक्तित्व निखरता है और रूप भी खिलता है.
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है और इस दिन उन्हें गुड़ का भोग लगाना चाहिए. इससे व्यक्ति को समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी का पूजन होता है और इस दिन बच्चों के अच्छे भविष्य और विकास के लिए मां का आशीर्वाद लिया जाता है. मां को प्रसन्न करने के लिए नारियल का प्रसाद चढ़ाना शुभ माना गया है.
नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है और उन्हें चना पूरी, खीर और हलवे का प्रसाद चढ़ाया जाता है. इससे घर और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि का वास रहता है.

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