मतगणना के दिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही ये बात, वन नेशन वन इलेक्शन के लिए तैयार है EC?

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर सहित कुल 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पड़े मतों की गिनती जारी है. आज 10 मार्च को तय हो जाएगा कि इन राज्यों में किस पार्टी की जीत हो रही है और किसका हार से सामना होगा. इस बीच मतगणना से पहले 9 मार्च को उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का मामला सामने आया. इस मामले में चुनाव आयोग ने IAS-IPS लेवल के कुछ अधिकारियों को निलंबित भी किया. आज जब मतगणना हो रही है उस बीच

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर सहित कुल 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव (assembly elections 2022) में पड़े मतों की गिनती जारी है. आज 10 मार्च को तय हो जाएगा कि इन राज्यों में किस पार्टी की जीत हो रही है और किसका हार से सामना होगा. इस बीच मतगणना से पहले 9 मार्च को उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का मामला सामने आया. इस मामले में चुनाव आयोग ने IAS-IPS लेवल के कुछ अधिकारियों को निलंबित भी किया. आज जब मतगणना हो रही है उस बीच ईवीएम से छेड़छाड़ और धांधली के आरोपों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (CEC Sushil Chandra) ने वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) का मुद्दा छेड़ दिया. इससे पहले पीएम मोदी भी वन नेशन वन इलेक्शन की बात करते रहे हैं. सुशील चंद्रा ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है. चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है और एक साथ सभी चुनाव कराने में सक्षम है.

सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि 5 साल में सिर्फ एक बार चुनाव कराने को तैयार हैं
सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा, विधानसभा चुनाव के लिए 31 हजार नए पोलिंग बूथ बनाए गए. उन्होंने कहा कि 1,900 मतदान केंद्र बनाए गए जो महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे और इसके कारण बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी देखी गई. 5 में से 4 राज्यों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत अधिक था.

सीईसी सुशील चंद्रा ने यह भी कहा कि अपने उम्मीदवार को जानो ऐप चुनाव आयोग की एक सफल पहल थी. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को मतदाताओं के बारे में पता होना चाहिए. इसलिए, हमने यह ऐप बनाया और 6,900 उम्मीदवारों में से 1,600 से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे.
वाराणसी में ईवीएम मामले में दी सफाई

सुशील चंद्रा ने कहा कि ओमिक्रॉन लहर के कारण चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध के दौरान चुनाव आयोग ने एमसीसी के उल्लंघन को गंभीरता से लिया. सभी 5 राज्यों में कोरोना ​​​​मानदंडों के उल्लंघन के साथ-साथ एमसीसी उल्लंघन के लिए लगभग 2,270 प्राथमिकी दर्ज की गईं. चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं. सुशील चंद्रा ने कहा कि वाराणसी में ईवीएम प्रशिक्षण के उद्देश्य से ले जाए जा रहे थे. एडीएम की गलती यह थी कि उन्होंने राजनीतिक दलों को EVM को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के बारे में सूचित नहीं किया.

EVM से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में सील कर रखी गई ईवीएम से यह मेल नहीं खाता. स्ट्रांग रूम से कोई भी ईवीएम जिस पर वोट डाला जाता है उसे नहीं निकाला जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि मतगणना एक पारदर्शी प्रक्रिया है. उन्होंने यह भी कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है. 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल हो रहा है, 2019 में हमने हर पोलिंग बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

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