कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत आज सोमवार से पंद्रह से अठारह वर्ष की आयु के बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने की शुरुआत हुई ।
कोविड-19 की तीसरी लहर के विरूद्ध भारत सरकार ने देश के हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्कर की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें 10 जनवरी 2022 से कोविड-19 वैक्सीन की प्रीकॉशन (बूस्टर) डोज़ देना प्रारम्भ किया। इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एक हफ्ते पहले से ही इसकी प्रभावी रणनीति बनाना शुरू कर दी थी। कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया के मार्गदर्शन में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ शत्रुघ्न सिंह दाहिया एवं उनकी टीम द्वारा संबंधित विभागों से समन्वय कर लगातार वर्चुअल मीटिंग कर दो प्रमुख रणनीति पर फ़ोकस किया गया। पहला यह कि प्रत्येक ब्लॉक में एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर पूरी जिम्मेदारी उसको दी जाये, इससे समय की बचत भी होगी और टीकाकरण की प्रभावी मॉनिटरिंग के द्वारा गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सकती है। दूसरा संबंधित विभाग में कार्य स्थल पर ही टीकाकरण सत्र लगाया जाये, जिसमें विभाग को उनके सभी कर्मचारियों को सूचना देकर एक निश्चित दिन पर विभाग के कार्यस्थल पर ही टीकाकृत किया जाने की जिम्मेदारी दी जाये।
जिला प्रशासन के सहयोग से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दाहिया के साथ नोडल अधिकारी डॉ आदर्श विश्नोई ने वर्चुअल मीटिंग कर जिले के संबंधित विभाग प्रमुखों से अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर लगातार जानकारी देकर अपडेट किया गया। सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी प्रीकॉशन डोज़ की आवश्यकता एवं महत्ता को जिला मीडिया सेल एवं टीकाकरण कार्यालय द्वारा जानकारी प्रेषित कर लोगों को जागरूक किया गया। जिला प्रशासन के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग जबलपुर ने इसी प्रभावी रणनीति को अमल में लाते हुए 10 जनवरी से ही सत्र की प्लानिंग कर इस पर सफल क्रियान्वयन शुरू कर दिया।
प्रतिदिन शाम को टीकाकरण सत्र समाप्ति के पश्चात ब्लॉक नोडल अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग कर टीकाकरण की रिपोर्टिंग ली गई और छूटे हुए लोगों को अगले सत्र में लाने की जिम्मेदारी दी गई। इसमे सभी ने अपना अमूल्य योगदान दिया, और इसी प्रभावी प्रोग्रामिंग व सफल क्रियान्वयन के कारण जिले ने हेल्थ केयर वर्कर-फ्रंटलाइन वर्कर के प्रीकॉशन डोज़ में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर स्वर्णिम लक्ष्य प्राप्त किया।
कोविड-19 की तीसरी लहर के विरूद्ध भारत सरकार ने देश के हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्कर की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें 10 जनवरी 2022 से कोविड-19 वैक्सीन की प्रीकॉशन (बूस्टर) डोज़ देना प्रारम्भ किया। इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एक हफ्ते पहले से ही इसकी प्रभावी रणनीति बनाना शुरू कर दी थी। कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया के मार्गदर्शन में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ शत्रुघ्न सिंह दाहिया एवं उनकी टीम द्वारा संबंधित विभागों से समन्वय कर लगातार वर्चुअल मीटिंग कर दो प्रमुख रणनीति पर फ़ोकस किया गया। पहला यह कि प्रत्येक ब्लॉक में एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर पूरी जिम्मेदारी उसको दी जाये, इससे समय की बचत भी होगी और टीकाकरण की प्रभावी मॉनिटरिंग के द्वारा गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सकती है। दूसरा संबंधित विभाग में कार्य स्थल पर ही टीकाकरण सत्र लगाया जाये, जिसमें विभाग को उनके सभी कर्मचारियों को सूचना देकर एक निश्चित दिन पर विभाग के कार्यस्थल पर ही टीकाकृत किया जाने की जिम्मेदारी दी जाये।
जिला प्रशासन के सहयोग से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुररिया एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दाहिया के साथ नोडल अधिकारी डॉ आदर्श विश्नोई ने वर्चुअल मीटिंग कर जिले के संबंधित विभाग प्रमुखों से अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर लगातार जानकारी देकर अपडेट किया गया। सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी प्रीकॉशन डोज़ की आवश्यकता एवं महत्ता को जिला मीडिया सेल एवं टीकाकरण कार्यालय द्वारा जानकारी प्रेषित कर लोगों को जागरूक किया गया। जिला प्रशासन के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग जबलपुर ने इसी प्रभावी रणनीति को अमल में लाते हुए 10 जनवरी से ही सत्र की प्लानिंग कर इस पर सफल क्रियान्वयन शुरू कर दिया।
प्रतिदिन शाम को टीकाकरण सत्र समाप्ति के पश्चात ब्लॉक नोडल अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग कर टीकाकरण की रिपोर्टिंग ली गई और छूटे हुए लोगों को अगले सत्र में लाने की जिम्मेदारी दी गई। इसमे सभी ने अपना अमूल्य योगदान दिया, और इसी प्रभावी प्रोग्रामिंग व सफल क्रियान्वयन के कारण जिले ने हेल्थ केयर वर्कर-फ्रंटलाइन वर्कर के प्रीकॉशन डोज़ में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर स्वर्णिम लक्ष्य प्राप्त किया।