5 साल में एयरपोर्ट पर पकड़ा गया 50 करोड़ का 95 किलो सोना, 98 गिरफ्तार हुए, इनमें से 85 शेखावाटी के लोग



फरवरी में लखनऊ से आ रही बस में डीडवाना के युवक से 5 किलो सोना लूटा गया था। वारदात को अंजाम देने वाले 4 युवकों को रविवार को कानोता पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस पूरे मामले में शेखावाटी के दो विधायकों की भूमिका संदेह की घेरे में है। एक बार फिर सोना तस्करी की वारदातों में शेखावाटी चर्चा में आ गया है। पिछ्ले पांच साल में जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोना तस्करी के 112 मामले आए। जिसमें 50 करोड़ कीमत का 95 किलो सोना तस्करी कर जयपुर लाया गया। करीब 80 किलो सोना शेखावाटी के अलग-अलग शहरों में डिलेवरी के लिए भेजा गया था। कुल 98 गिरफ्तार तस्करों में 85 शेखावाटी के थे। जो कि खाड़ी देशाें में नौकरी करते थे।

इधर ड्यूटी बढ़ी उधर तस्करी जयपुर एयरपोर्ट पर पिछले 11 सालों में 70 करोड से भी अधिक का 165 किलो सोना पकड़ा गया है। देशभर में वर्ष 2013-14 के बाद से एयरपोर्ट पर तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जयपुर एयरपोर्ट पर भी सोने की तस्करी लगातार इसी क्रम में बढ़ी है। दरअसल ऐसा इसलिए है कि करीब आठ साल पहले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार घाटा रोकने के लिए सोने के आयात पर 10% टैक्स लगाया गया था। जिसके बाद से ही तस्करी रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। वर्ष 2011 से 2021 जून तक कस्टम्स ने एयरपोर्ट पर सोना तस्करी के 215 मामले पकड़े हैं। जिनमें लगभग 70 करोड़ का 165 किलो सोना बरामद किया। इस अवधि में हर साल तस्करी के औसतन 20 मामले पकड़े गए। हालांकि, आश्चर्यजनक तौर पर साल 2016-17 में केवल सात मामले में पांच किलो सोना ही पकड़ा गया।



100 से 650 रूपए हुई कस्टम्स ड्यूटी तो तस्करी बढ़ी देश में साल 2010 तक एक तोला सोने पर केवल 100 रुपए कस्टम्स ड्यूटी लगती थी। जो साल 2012 तक 560 रुपए प्रति तोला कर दी गई। इसके बाद चालू व्यापार घाटा काफी बढ़ने पर सरकार ने ड्यूटी बढ़ा कर कीमत का दस प्रतिशत कर दी। ऐसे में एक किलो सोने के आयात पर दो से तीन लाख रुपए ज्यादा लागत आने लगी। इसी से तस्करी शुरू हुई। साल 2011-12 में ग्यारह तोला सोना तस्करी का केवल एक मामला पकड़ में आया। ड्यूटी बढ़ने पर यह आंकड़ा 2017-18 में बढ़ कर सालाना औसतन 20 मामलों तक पहुंच गया। हर साल करीब 13 किलो सोना बरामद किया गया।

सरकारी कोष में रखा जाता है सोना कस्टम कमिश्नर सुभाष अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर कस्टम जांच प्रक्रिया में जो तस्करी का सोना जब्त किया जाता है, उसे सरकारी कोष (ट्रेजरी) में रखा दिया जाता है। उसके बाद इसकी प्रोसिडिंग होती है। इसका शो कॉज बनाया जाता है। जिसके बाद उच्च अधिकारी इस पर निर्णय लेते हैं, कि इसका क्या करना है। अगर संबंधित व्यक्ति सोने पर लगने वाली ड्यूटी चुका देता है, तो यह उसे वापिस कर दिया जाता है। ऐसा नहीं किए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।



अमृतसर में 61 और लखनऊ में 53 मामले जयपुर एयरपोर्ट पर कस्टम के मजबूत इंटेलीजेंस नेटवर्क के चलते तस्करों ने अमृतसर और लखनऊ एयरपोर्ट को तस्करी का नया अड्डा बनाया है। अमृतसर एयरपोर्ट पर पिछले एक साल में सोना तस्करी के 61 मामले सामने आए हैं। जिसमें 7.28 करोड़ का 15.738 किलोग्राम सोना पकड़ा गया है। पंजाब में तस्कर सरदार बनकर पगड़ी के अंदर रखकर भी सोना लाए हैं। क्योंकि सिख समुदाय के लोग दूसरे की पगड़ी को हाथ लगाना भी उसका अपमान मानते हैं। ऐसे में धार्मिक भावनाओं की आड़ में तस्करों ने इसे सोना छुपाने का नया ठिकाना बनाया है। लेकिन इंटेलिजेंस नेटवर्क और तकनीक की मदद से वो भी बच नहीं पाते। वहीं लखनऊ एयरपोर्ट पर पिछले एक साल में तस्करी के 53 मामले पकड़े गए हैं।

बड़े तस्कर पकड़ से दूर जयपुर एयरपोर्ट पर लगभग सभी मामलों में खाड़ी देशों में नौकरी कर रहे शेखावाटी के मजदूरों को टिकट और कुछ आर्थिक लालच देकर मुख्य तस्करों/आरोपी द्वारा सोना भेजा जाता है। हालांकि इन्हें कस्टम विभाग प्रोफेशनल कैरियर नहीं मानती। अधिकांश मामलों में मुख्य आरोपी कस्टम की पकड़ से दूर हैं। सवाल ये उठता है कि अगर ये मजदूर प्रोफेशनल कैरियर नहीं हैं, तो आए दिन इतने मामले आने के बाद और जोखिम के बाद भी कुछ पैसों के लालच में सोने की तस्करी क्यूं करते हैं ? इसके अलावा अगर इन्हें कोई डिलीवरी के लिए सोना देता है, तो भेजने वाले और जिसके पास भेजा जाता है, वो कस्टम विभाग की पकड़ से दूर क्यों हैं ?

इन तरीकों से तस्करी होते पकड़ा :
साड़ी में सोने के धागों का वर्क करवाकर लाए
गहनों में काम आने वाले सोने के छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में
महिलाएं-पुरुष शरीर के भीतर भी छिपा कर लाते पकड़े गए
प्लेन में सीट के नीचे छिपा कर लाए
ट्रॉली बैग, प्रेस, सिलाई मशीन, टॉर्च, इंडक्शन कुकर में
इलैक्ट्रिक वायर के अंदर
सोने को पेस्ट बनाकर
जूतों के सोल के अंदर
अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
रेड़ियो, एफएम, डीवीडी प्लेयर

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