CM शिवराज सिंह चौहान बोले- मध्य प्रदेश में 1 जून से धीरे-धीरे होगा अनलॉक



नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Virus) की स्थिति में जैसे-जैसे सुधार हो रहा है और हालात भी काबू में हो रहे हैं, वैसे-वैसे अब राज्य सरकार भी लॉकडाउन में ढील देने का विचार कर रही है. कोरोना को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि हम अनंतकाल तक बंद नहीं रख सकते हैं. हमें 1 जून से धीरे-धीरे अनलॉक करना है. आपको बता दें कि एमपी में अभी 31 मई तक लॉकडाउन लागू रहेगा. वहीं, 40 जिलों में पॉजिटिविटी दर 10 से कम हो गई है.

कोरोना के केसों को लेकर मध्य प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर है. मध्य प्रदेश में शनिवार को 3844 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, जबकि 9327 लोगों ने कोरोना को मात दी है. मध्य प्रदेश का पॉजिटिव रेट 4.82 % पहुंच गया है. मध्य प्रदेश का रिकवरी रेट 90.86 प्रतिशत हो गया है. इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे आज यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट घटकर 4.82% रह गया है. अब हमें 31 मई तक मध्य प्रदेश को कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त करना है. सीएम शिवराज सिंह ने कोविड-19 के नियंत्रण के संबंध में नगरीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से विचार साझा किया.

वहीं, एमपी के भोपाल जिले में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्थानीय कलेक्टर ने शनिवार को बड़ा आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत भोपाल में एक जून की सुबह 6:00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew in bhopal) बढ़ा दिया गया है. इससे पहले यहां 24 मई तक कोरोना कर्फ्यू था.

आपको बता दें कि एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh CM) लगातार कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और समीक्षा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि प्रदेश के जिन जिलों में पिछले कुछ दिनों से मामले कम नहीं हो रहे हैं, वहां क्षेत्रवार रणनीति बनाकर कोरोना को खत्म करो अभियान एवं कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कर संक्रमण की चेन तोड़ी जाना जरूरी है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमें इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी जिलो में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के हरसंभव प्रयास करने हैं, जिससे आगामी माह से जन-जीवन सामान्य करने की दिशा में प्रयास किए जा सकें. प्रभारी मंत्रियों के निर्देशन में सभी प्रभारी अधिकारी अपने जिले में एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाकर उसे सख्ती से लागू करें.

वहीं, राज्य में दवाओं की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रहे हैं. नकली रेमडेसीविर बेचने वालों, कालाबाजारी करने वाले 72 व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा अधिक शुल्क लिए जाने पर अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. कुल 265 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए मरीजों के परिजनों को एक करोड़ नौ लाख रुपये की राशि वापस दिलाई गई है.

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