Paper Bottle में नजर आ सकती है Coca-Cola ड्रिक्स, यह है वजह.



 नई दिल्ली । हो सकता है आने वाले दिनों में आपको कोका कोला की ड्रिक्स प्लास्टिक के बजाय पेपर बॉटल में नजर आए. जी हा दरअसल कोका कोला (Coca-Cola)अपनी ड्रिक्स के लिए पेपर बॉटल की टेस्टिंग कर रही है. कंपनी का मानना है कि वे पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक की बॉटल्स का इस्तेमाल को बंद करने का विचार कर रही है. जानकारी के अनुसार कंपनी ने अभी तक 2000 पेपर बॉटल बनाई है जिसकी टेस्टिंग चल रही है और गर्मियों के महीने में इसका ट्रायल होगा. ये बोतलें लकड़ी और जैव-आधारित सामग्री बनी है जो गैस के साथ-साथ तरल पदार्थ और ऑक्सीजन को भी रोकने में सक्षम होती हैं। बोतल डैनिश कंपनी पाबोको (Danish company Paboc), द पेपर बॉटल कंपनी(The Paper Bottle Company) और कोका-कोला की रिसर्च टीम द्वारा मिलकर तैयार की गई है. यह ऐसे समय में आया है जब कंपनी ने वर्ष 2030 तक के लिए नए टारगेट्स सेट किए है जिसमें लक्ष्यों की घोषणा की है और पर्यावरण पर और ज्यादा ध्यान देने की बात भी कही है.

कंपनी जोर देकर कहती है कि यह तकनीक, जिसे वे एक ब्रेक थ्रू भी मान रही है इसे परीक्षण के तौर पर प्लांट-बेस्ड बेवरेज एडेज़ की 2000 पेपर की बोतलों को ऑनलाइन किराना स्टोर Kifli.hu के माध्यम से बेचेगी जिससे पैकेजिंग के साथ ग्राहकों की प्रतिक्रिया को भी समझा जा सके.

पेपर बॉटल को लेकर यह पहल तब हुई जब कोका-कोला कंपनी अपने पेय पदार्थों के लिए पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ पैकेजिंग प्रणाली बनाने के लिए दबाव में थी. मालूम हो हाल ही में चैरिटी ग्रुप ब्रेक फ़्री फ्रॉम प्लास्टिक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में, कोका-कोला को दुनिया के नंबर एक प्लास्टिक प्रदूषक के रूप में स्थान दिया गया था, उसके बाद प्रतिद्वंद्वी पेप्सी और नेस्ले का स्थान था.

सबसे पहले इस कंपनी ने की थी टेस्टिंग
Coca-Cola केवल कागज की बोतलों का परीक्षण करने वाली कंपनी नहीं है. वोदका निर्माता एब्सोल्यूट अपने कार्बोनेटेड रास्पबेरी पेय उत्पाद के लिए यूके और स्वीडन में पेपर की बोतलों के ट्रायल किए है. बॉटल में माैजूद पेय का कागज के संपर्क में नहीं आना चाहिए, इसके चलते कागज की बोतलों की बजाय पौधों से प्राप्त एक टिकाऊ कोटिंग का इस्तेमाल इसमें होगा.


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