जानिए क्‍यों और कब होता है वीरता पुरस्‍कारों का ऐलान, सबसे ज्‍यादा बार सेना के हिस्‍से आया है सम्‍मान

 


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को देश के बहादुर सैनिकों को दिए जाने वाले वीरता पुरस्‍कार पर एक वेबसाइट को लॉन्‍च किया है. इसे वेबसाइट पर वीरता पुरस्‍कारों के बारे में जो जानकारी होगी ही साथ ही साथ आजादी के बाद जिन सैनिकों को इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया गया है, उनके बारे में भी सारी जानकारी दी गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक इस पोर्टल के जरिए देश के सुरक्षाबलों और सैनिकों के बारे में 24 घंटे जानकारी हासिल की जा सकेगी. अगर आप किसी भी पुरस्‍कार के बारे में कोई भी सूचना हासिल करना चाहते हैं तो gallantryawards.gov.in. पर सकते हैं.

कब से शुरू हुई परंपरा

राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि वीरता पुरस्‍कारों की इस नई वेबसाइट को लॉन्‍च करके काफी खुशी हो रहर है. उन्‍होंने लोगों से अपील की है कि वो इस वेबसाइट पर जाएं और सरकार के साथ फीडबैक जरूर शेयर करें. आजादी के बाद मुख्‍यत: तीन वीरता पुरस्‍कारों को शुरू किया गया था जो परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र थे. भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 को इन पुरस्‍कारों को देने की परंपरा शुरू की थी. ये तीनों पुरस्‍कार 15 अगस्‍त 1947 से प्रभावी थी. इसके बाद तीन और वीरता पुरस्कार अशोक च्रक क्‍लास I, अशोक चक्र क्‍लास II, अशोक चक्र क्‍लास III देने की परंपरा सरकार की तरफ से 4 जनवरी 1952 से शुरू हुई.

बदला गया अशोक चक्र का नाम

सन् 1967 में इन पुरस्‍कारों का नाम बदलकर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया था. इन वीरता पुरस्‍कारों का ऐलान साल में दो बार होता है, पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर यानी 26 जनवरी को और फिर स्‍वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्‍त के मौके पर. ये पुरस्‍कार इस क्रम में दिए जाते हैं, परमवीर चक्र, इसके बाद अशोक चक्र, फिर महावीर चक्र, इसके बाद कीर्ति चक्र, फिर वीर चक्र और फिर शौर्य चक्र.

अब तक कुल कितने वीरता पुरस्‍कार

अब तक कुल 4296 वीर सैनिकों को इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया जा चुका है. 21 बार परमवीर चक्र, 222 बार महावीर चक्र, 90 सैनिकों को अशोक चक्र, 492 सैनिकों को कीर्ति चक्र, 2140 सैनिकों को शौर्य चक्र और 1331 सैनिकों को वीर चक्र से सम्‍मानित किया गया है. सबसे ज्‍यादा वीरता पुरस्‍कार सेना के हिस्‍से आए हैं. सेना के हिस्‍से 2985 पुरस्‍कार यानी 60.48 फीसदी पुरस्‍कार आए. वहीं भारतीय वायुसेना को 134 बार तो नौसेना को 424 बार इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया जा चुका है.

कारगिल की जंग में सबसे ज्‍यादा पुरस्‍कार

दूसरी ओर पैरामिलिट्री यानी अर्धसैनिक बलों को 50 बार, बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) को 242 बार, राज्‍य पुलिस को 63 बार इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया जा चुका है. 398 पुरस्‍कार देश के उन आम नागरिकों को दिए गए हैं जिन्‍होंने संकट की स्थिति असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया. 1999 में जब पाकिस्‍तान के साथ कारगिल की जंग हुई थी तो उस समय सबसे ज्‍यादा यानी 142 सैनिकों को वीरता पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया गया था. इससे पहले सन् 1971 में जब पाक के साथ युद्ध हुआ तो उसमें हिस्‍सा लेने वाले 112 सैनिकों को वीरता पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने