Pitru Paksha 2020: श्राद्ध में दान करें या खास चीजें होगी धन प्राप्ति, दूर होगी परेशानियां और पितृ दोष

Pitru Paksha 2020 श्राद्ध पक्ष 2 सितंबर से शुरू हो रहा है इस दौरान पितृ पक्ष के 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म कर पितरों को प्रसन्न किया जाता है. प्रतिपदा का पहला पितृ श्राद्ध 1 सितंबर को होगा. इस साल पितृपक्ष का समापन 17 सितंबर को होगा. अंतिम श्राद्ध यानी अमवस्या श्राद्ध 17 सितंबर को किया जाएगा. पितृ पक्ष में दान का भी बहुत महत्व है, मान्यता है की दान से पितरों की आत्मा को संतृष्टि मिलती है और पृत दोष भी खत्म होता है. 
धार्मिक मान्यता के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध में दानपुण्य किया जाना चाहिए. शास्त्रों में पितृ पक्ष में चीजों का दान अवश्य करना चाहिए. धर्म ग्रंथों में श्राद्ध में दान की गई वस्तु से मिलने वाले फलों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है. इस साल पितृपक्ष का समापन 17 सितंबर को होगा. अंतिम श्राद्ध यानी अमवस्या श्राद्ध 17 सितंबर को किया जाएगा.
1. काला तिल
काला तिल का दान श्राद्ध में करें ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से पितरों के तर्पण के निमित्त किसी भी चीज का दान करते समय काले तिल को लेकर दान करें. ये कहा जाता है की अगर इस दौरान अन्य वस्तुओं का दन न भी कर पाएं तो काले दिल का दान अवश्य करें. दान की दृष्टि से काले तिलों का दान संकट, विपदाओं से रक्षा करता है.

2. चांदी
चांदी धातु से मिर्मित किसी भी वस्तु का देन अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साथ ही आर्शर्वाद प्राप्त होता है. चांदी देने से संबंध चंद्र ग्रह से है इसलिए श्राद्ध में चांदी,चावल,दूध से पितर को खुश करें.
3.वस्त्र
श्राद्ध कर्म में वस्त्रों का दान करना चाहिए, मान्यताएं हैं कि जो व्यक्ति श्राद्ध करता है तो ऐसे में धोती,दुपट्टे का देन करें. ऐसे में वो वंशजों से वस्त्र की भी कामना आदि करते हैं.
4. गुड़ औऱ नमक
श्राद्ध के समय गुड़ और नमक का दान जरुर करें इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपको उनका आर्शीर्वाद से आपके घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है. ऐसा करने से गृह-क्लेश भी दूर है, ऐसे में श्राद्ध में इन चीजों का दान करें.
5. जूते-चप्पल का दान
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए आप जूते चप्पलों का दन करें, ऐसा कपने से आपके पूर्वज खुश होते हैं. मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

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