नई दिल्ली: अमेरिकी दवा कंपनी Pfizer Inc. and German firm BioNTech SE ने संयुक्त रूप से दुनिया की सबसे बेहतरीन COVID-19 वैक्सीन बनाने का दावा किया है. कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन के प्रारंभिक चरण का ट्रायल पूरा कर लिया गया है जिसकी स्टडी का डाटा कंपनी ने जारी किया है और कहा है कि इसके मामूली से साइड इफेक्ट्स दिखाई दिए हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले हैं. 
कंपनी ने कहा कि अगर सब ठीक रहा तो अक्टूबर महीने की शुरूआत में इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी. ये भी बताया गया है कि ये वैक्सीन पहले के सभी वैक्सीन से ज्यादा प्रभावी होगा. इस तरह यह कोरोना की लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा और अब ये दुनिया का सबसे बेहतरीन वैक्सीन बन गया है. 
कंपनियों ने खुलासा किया कि नवीनतम वैक्सीन BNT162b2 के साइड इफेक्ट्स कम दिखे हैं . वैक्सीन देने के बाद 20% से कम प्रतिभागियों में इसके हल्के से मध्यम बुखार के लक्षण दिखे जो अच्छी बात है. गुरुवार को कंपनी ने उन सभी 332 लोगों की रिपोर्ट को पोस्ट किया जिन्होंने इस वैक्सीन को लिया था, जिन्हें टी 1 या बी 2 कहा जाता है और वास्तव में, बी 2 समूह के ट्रायल में काफी कम साइड इफेक्ट्स दिखे.
Pfizer के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ वैक्सीन क्लिनिकल रिसर्च एंड डेवेलपमेंट विलियम ग्रुबर ने स्टेट न्यूज को बताया कि जाहिर है, यह टीका बेहतर रूप से काम करेगा और इसे व्यापक टीकाकरण की सार्वजनिक स्वीकृति मिलेगी. टी 1 या बी 2 दोनों बेहतर हैं और बी 2 के तो बेहतर रिजल्ट्स मिले हैं जिसमें साइड इफेक्ट्स बहुत कम दिखे.
अध्ययन में प्रत्येक टीके की खुराक 10 माइक्रोग्राम से लेकर 100 माइक्रोग्राम तक बताई गई है और बी 2 के क्लीनिकल ट्रायल में इसके  30-माइक्रोग्राम डोज दिए गए.
ओरिजिनल वैक्सीन BNT162b1 or B1 2 को 18 से 55 वर्ष के बीच के लोगों को दिया गया और फिर परिणाम देखा गया. इन सबको 30-माइक्रोग्राम खुराक दी गई जो 50 प्रतिशत टीका से संबंधित थे. फिर 65 और 85 वर्ष की आयु के बीच के लोगों को टीके का डोज दिया गया जिनके बीच प्रतिकूल घटनाएँ 16.7 प्रतिशत थीं.
फिर दूसरा टीका, BNT162b2 or B2, 18 से 55 के उम्र के लोगों को दिया गया 16.7 प्रतिशत डोज दिया गया लेकिन उनमें कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा जैसा कि 65 और 85 की उम्र वालों को दिया गया था.
दोनों टीके mRNA के जेनेटिक मैसेंजर की तरह शरीर ने लिया और  डीएनए कोड को प्रोटीन में बदलकर एक फैटी कैप्सूल के अंदर पैक किया , जिसे लिपिड नैनोपार्टिकल कहा जाता है, इसे कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति दे दी. दरअसल एमआरएनए कोशिकाओं को एक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है, जो तब प्रतिरक्षा प्रणाली को क्रिया में बदल देता है.
रिपोर्ट के अनुसार, फाइजर ने कहा है कि बी 2 वैक्सीन के बड़े अध्ययन से कुछ डेटा अक्टूबर के शुरू में आ सकते हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अगर वैक्सीन अक्टूबर तक बन जाती है और इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को आगामी नवंबर में होनेवाले चुनावों में भी अतिरिक्त फायदा दे सकती है.