विकास दुबे एनकाउंटर पर दिग्विजय का सवाल, कहा- जिसका शक था वह हो गया

कानपुर के कुख्यात आरोपी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में आज सुबह मारा गया. एनकाउंटर के बाद से जहां पुलिस मीडिया के सवालों से बचती हुई नजर आ रही है वहीं विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर सवाल खड़ा कर रही है. विपक्ष का मानना है कि विकास के अंत के बाद कई सफेदपोशों की काली कहानियां सिर्फ एक कहानी बनकर दब गई है.
इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले से ही हमलावर रहे हैं. विकास के एनकाउंटर की खबर मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा- जिसका शक था वह हो गया. विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा. पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद अपने ट्विटर अकाउंट बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा- यह तो उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेण्डर लग रहा है. मेरी सूचना है कि मध्य प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है. जय महाकाल.
इतना ही नहीं उन्होंने एक अन् ट्वीट में लिखा- यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
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