भारत-चीन विवाद : इस वजह से राजनाथ की जगह अचानक बॉर्डर पर पहुंचे पीएम मोदी, चीन में बौखलाहट

लद्दाख : भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह अचानक लद्दाख पहुंच गए। गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है। पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लद्दाख जाना था, लेकिन अचानक प्रधानमंत्री मोदी के वहां पहुंचने से सैनिकों में उत्साह बढ़ा है तो दूसरी तरफ चीन की चिंताएं और बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री शुक्रवार की सुबह करीब 9.30 बजे लद्दाख पहुंचे। उनके साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी थे। प्रधानमंत्री ने नीमू में 11 हजार फीट ऊंची फॉरवर्ड लोकेशन पर आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से बात की। साथ ही बॉर्डर के हालात के बारे में भी उनसे पूछा। 
पीएम मोदी के दौरे से चीन बौखलाया
प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख दौरे से चीन बौखला गया है। उसको इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि खुद पीएम ऐसे हालात में सैनिकों के बीच पहुंच जाएंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ें।
चीन के अचानक बदले सुर
चीन की तरफ से सीमा पर लगातार सैनिकों की संख्या और टैंक की तादात बढ़ाई जा रही है। बातचीत के बावजूद वह ऐसी हरकत कर रहा है, जिससे बॉर्डर पर तनाव बरकरार है, लेकिन शुक्रवार को पीएम मोदी के दौरे के बाद अचानक उसके सुर बदल गए हैं। चीन का विदेश मंत्रालय अब कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए सीमा पर तनाव कम करना चाहते हैं। चीन ने कहा कि सेना और डिप्लोमेट्स लेवल की बातचीत चल रही है। ऐसे में किसी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे सीमा पर तनाव बढ़े। हम बातचीत से रास्ता निकालना चाहते हैं।
राजनाथ की जगह पीएम मोदी पहुंचे लद्दाख
तय कार्यक्रम के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लद्दाख जाना था। मीडिया में भी खबरें थीं। फिर अचानक क्या हुआ कि राजनाथ सिंह की जगह पीएम मोदी को लद्दाख जाना पड़ा। पीएम मोदी पहले भी कई बार अलग-अलग सीमाओं पर जाकर जवानों का उत्साह बढ़ाते रहे हैं, लेकिन इस बार उनका दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। चीन को एक कड़ा संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री की एक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। 
एक्सपर्ट का मानना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम मोदी के दौरे के बेहद अलग मायने हैं। पीएम मोदी को अपने बीच पाकर जवानों में जो उत्साह बढ़ेगा, शायद रक्षा मंत्री के आने से वह नहीं होता। इसके अलावा चीन भी इस बात को समझ सकेगा कि खुद मोदी ने हालात की कमान अपने हाथ में संभाल रखी है।
पीएम मोदी के लद्दाख दौरे के क्या हैं मायने
एक्सपर्ट का मानना है कि प्रधानमंत्री का दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब सेना के जवानों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। बॉर्डर पर तैनात जवान जब अपने बीच देश के मुखिया को पाते हैं तो उनका उत्साह सातवें आसमान पर होता है। ऐसी विषम परिस्थिति में जब प्रधानमंत्री जवानों के साथ खड़े रहते हैं तो दुश्मन देश को एक बहुत बड़ा संदेश जाता है। 
प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि वह किसी भी हालत में अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे। उनका लद्दाख दौरा यह दर्शाता है कि देश की सरकार और जनता जवानों के साथ है। वह खुद हर मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं। साथ ही चीन को यह संदेश देना चाहते हैं कि इस बार भारत किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। वह चीन के हर कदम का उसी की भाषा में जवाब देगा।
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