नई दिल्ली। लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों (China) के हमले में शहीद हुए भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए सरकार ने चीन को घेरने की तैयारी की शुरुआत कर दी है। एक ओर जहां गुरुवार को भारत और चीन की सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई, वहीं भारतीय रेलवे ने भी चीनी कंपनी से अपना करार खत्म कर दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बीजिंग नेशनल रेलवे रसिर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशंस ग्रुप कॉ। लि। से करार खत्म कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और इहन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन के सेक्शन के बीच 417 किमी में सिग्नलिंग व टेलीकम्युनिकेशंस का काम होना था। इसकी लागत 471 करोड़ रुपये है।
बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार की शाम भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस झड़प में भारतीय सेना के लगभग 18 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि गलवान घाटी के निकट दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता मंगलवार और बुधवार को बेनतीजा रही थी।
मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई थी। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। चीन को कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह यथोचित जवाब देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
