प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जनता को संबोधित करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई की तुलना महाभारत के युद्ध से की।
उन्होंने कहा कि महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था, लेकिन कोरोना के खिलाफ 21 दिन लगने वाले हैं। महाभारत के युद्ध के समय श्रीकृष्ण महारथी थे लेकिन आज 130 करोड़ महारथियों के भरोसे कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई को जीतना है। काशीवासियों की भी बहुत बड़ी भूमिका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार की शाम पांच बजे संवाद करते हुए काशी की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने काशी का गुणगान करते हुए कहा, "काशी.. ये ज्ञान की खान है। पाप और संकट का नाश करने वाली है। संकट की इस घड़ी में काशी सबके लिए उदाहरण बन सकती है।
काशी का अनुभव सनातन और समयातीत है। आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है संयम, समन्वय और संवेदनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है, सहयोग और सहनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है साधना, सेवा और समाधान।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी का तो अर्थ ही है शिव। शिव यानी कल्याण। शिव की नगरी में संकट से जूझने का सबको राह दिखाने का सामर्थय नहीं होगा तो किसमें होगा। कोरोना के कारण देश भर में व्यापक तैयारी की जा रही है। हम सबके लिए, मेरे लिए भी, आपके लिए भी यह ध्यान रखना होगा, सोशल डिस्टैंसिंग, घरों में बंद रहना ही इस समय एकमात्र और बेहतर उपाय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी का तो अर्थ ही है शिव। शिव यानी कल्याण। शिव की नगरी में संकट से जूझने का सबको राह दिखाने का सामर्थय नहीं होगा तो किसमें होगा। कोरोना के कारण देश भर में व्यापक तैयारी की जा रही है। हम सबके लिए, मेरे लिए भी, आपके लिए भी यह ध्यान रखना होगा, सोशल डिस्टैंसिंग, घरों में बंद रहना ही इस समय एकमात्र और बेहतर उपाय है।