जबलपुर: बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाए गए कानूनों के प्रभावी अमल के लिए बेहतर समन्वय जरूरी – कलेक्टर

बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाये गए नियमों एवं कानूनों पर बेहतर और प्रभावी अमल के लिए यह जरूरी है कि इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं तथा इनका पालन कराने के लिए जिम्मेदार शासकीय विभागों के अधिकारियों को इन नियमों एवं कानूनों के बारे में अच्छी समझ हो तथा आपस में बेहतर तालमेल हो।
      यह बात कलेक्टर भरत यादव ने आज होटल कल्चुरी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किशोर न्याय अधिनियम एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम पर आयोजित क्षमता संवर्धन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
कलेक्टर भरत यादव ने कार्यशाला के आयोजन को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि यहां मिले सुझावों से बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाए गए अधिनियमों एवं कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। उन्होंने बाल अधिकारों के संरक्षण के क्षेत्र में जबलपुर जिले में हो रहे अच्छे कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह तभी हो सकता है जब इस क्षेत्र से जुड़े लोग संवेदनशील हों और अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझते हों। कलेक्टर भरत यादव ने अपने उद्बोधन में कार्यशाला में आए सभी प्रतिभागियों का आभार भी व्यक्त किया।
एक दिन की इस कार्यशाला में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमनीश वर्मा, उप सचिव अरविंद श्रीवास्तव, प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट श्रीमती अर्चना नायडू बोडे, विषय विशेषज्ञ विभांशु जोशी, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनीष पाण्डे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम.एल. मेहरा तथा सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास मनीष शर्मा भी मौजूद थे।
कार्यशाला में प्रतिभागियों से चर्चा करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमनीश वर्मा ने बच्चों को सम्मानजनक वातावरण उपलब्ध कराने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनका बचपना लौटाने के लिए यह आवश्यक है कि उनसे जुड़कर उनकी भावनाओं को समझा जाए।
किशोर न्यायालय की मजिस्ट्रेट अर्चना नायडू ने कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न पुलिस थानों के बाल कल्याण अधिकारी एवं थाना प्रभारियों को किशोर अपराधों के संबंध में की जाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी दी एवं उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
विषय विशेषज्ञ विभांशु जोशी द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विभिन्न प्रावधानों से प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनीष पाण्डे द्वारा पावर प्वाइंट के माध्यम से बाल कल्याण समिति की कार्य प्रणाली से परिचित कराया गया। सालसा के उप सचिव अरविंद श्रीवास्तव द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में पुलिस व प्रशासन के मध्य किस प्रकार कार्य किया जाए इस विषय पर जानकारी दी।
सहायक संचालक मनीष शर्मा द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य व अंतर विभागीय समन्वय के संबंध में जानकारी दी गई एवं कार्यशाला के अंत में आभार प्रदर्शन किया गया।
कार्यशाला में सभी थाना प्रभारी, बाल कल्याण अधिकारी, चाइल्ड लाइन, बाल देखरेख संस्थाएं, बाल कल्याण समिति, जेजे बोर्ड, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, संस्थाओं के संचालक उपस्थित रहे।

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