गंभीर रूप से कुपोषित हर बच्चे का एनआरसी में एडमिशन करायें — डॉ. सिडाना

 दस्तक अभियान के तहत गंभीर रूप से कुपोषित पाये गये बच्चों का पोषण पुनर्वास केन्द्रों में हरहाल में एडमिशन सुनिश्चित कराया जाये । यदि माता-पिता इसके लिए तैयार नहीं होते हैं तो उनसे बार-बार संपर्क किया जाये और बच्चे के स्वास्थ्य का वास्ता देते हुए उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र जाने के लिए मनाया जाये ।

      यह बात दस्तक अभियान की गतिविधियों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए कल कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने इस अभियान से जुड़े विभागों के अधिकारियों से कही । बैठक में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुरली अग्रवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास एम.एल. मेहरा सहित अभियान की गतिविधियों पर निगरानी के लिए तैनात सभी नोडल अधिकारी, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी मौजूद थे ।
      अपर कलेक्टर डॉ. सिडाना ने बैठक में दस्तक अभियान के तहत चिन्हित किये गये कुपोषित बच्चों के एडमिशन के लिए आवश्यकता पड़ने पर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं ।  उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी पोषण पुनर्वास केन्द्रों में एडमिशन बच्चे शेष रह जाते हैं तो प्रतीक्षा सूची तैयार करनी होगी ।  डॉ. सिडाना ने महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों से गंभीर रूप से कुपोषित पाये गये और पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती बच्चों का निरंतर फॉलोअप लेने तथा इनकी सूची आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ।  उन्होंने शहरी क्षेत्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सूची को पोर्टल पर दर्ज करने की हिदायत भी दी ।
      अपर कलेक्टर डॉ. सिडाना ने अभियान के तहत जन्मजात बीमारियों विकृतियों से ग्रसित पाये गये बच्चों का अच्छे अस्पतालों में उपचार हेतु रेफरल तैयार करने तथा उनके अभिभावकों से संवाद कर इसके लिए उन्हें प्रेरित करने पर बल दिया । उन्होंने मौसम को देखते हुए डायरिया के केसों के बढ़ने की संभावना भी व्यक्त की तथा चिकित्सा अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये ।  अपर कलेक्टर ने कहा कि अस्पतालों में जिस क्षेत्र से भी डायरिया के केस ज्यादा आते हैं वहां निरंतर निगरानी रखी जाय तथा ब्लीचिंग एवं क्लोरीनेशन की कार्यवाही तुरंत की जाये । श्रीमती सिडाना ने दसतक अभियान में सीवियर एनीमिया से पीड़ित पाये गये बच्चों को भी तत्काल समुचित उपचार उपलब्ध कराने और आवश्यकता पड़ने पर रक्त चढ़ाने के निर्देश भी दिये । 

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