अब बार लाइसेंस पाना हुआ आसान, राष्ट्रीय उद्यानों के पास भी बेची सकेगी शराब

भोपालः राजस्व बढ़ाने और खाली खजाना भरने के लिए जंगलों में टूरिस्ट और हेरिटेज प्लेस में बार लाइसेंस लेना अब कमलनाथ सरकार ने आसान कर दिया है. जंगलों में खासकर राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के इलाकों में चल रहे हेरिटेज होटल में आसानी से बार लिया जा सकता है. सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया आसान कर दी है. सरकार इसे पर्यटन को बढ़ावा देने वाला कदम बता रही है, तो विपक्ष ने कमलनाथ सरकार के इस कदम को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष इसे शराबखोरी को बढ़ावा देने वाला कदम बता रहा है.
मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ोत्तरी के उद्देश से प्रदेश की शराब नीति में बदलाव कर दिए हैं. सरकार का तर्क है कि इससे सरकार की आय बढ़ेगी. सरकार के इस कदम से शराब की बिक्री बढ़ जाएगी. आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री के मुताबिक वन क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में होटल में बार खोला जा सकता है. जिसके लिए होटल में 25 कमरे होना अनिवार्य है.
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष हमलावर है. पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है यह सरकार नशे में है. शराबखोरी को बढ़ावा दे रही है. यह सरकार शराब माफिया को संरक्षण देने वाली सरकार है. जहां वन्यप्राणियो का संरक्षण होता है वहां जंगल मे नई होटल बनाने की बात कर रहे हैं यह लोग. वहीं सरकार का तर्क है कि अभी तक ऐसे इलाकों में अवैध तरीके से शराब बिकती थी. लाइसेंस के नियम सरल होने से शराब वैध रूप से बिकेगी और सरकार को राजस्व मिलेगा.
क्या है सरकार का शराब से पर्यटन को बढ़ावा देने वाला प्लान
- सरकार ने बार लाइसेंस के नियम आसान कर दिए हैं.
- अब टूरिस्ट और हेरिटेज प्लेस में बार लाइसेंस हासिल करना आसान होगा.
- बार लाइसेंस की अनुमति अगर 7 दिन में रिन्यू नहीं होती तो 8वें दिन अनुमति को रिन्यू मान लिया जाएगा.
- नए लाइसेंस के लिए होटल में 25 कमरे होना अनिवार्य किया.
- होटल के 1 से ज्यादा तल पर बार खुल सकेगा. बशर्ते 10 फीसदी अतिरिक्त फीस देनी होगी.
- वन क्षेत्रों में और उससे 10 किमी की परिधि में बार लाइसेंस दिए जाएंगे.
- विदेशी शराब सीधे गोडाउन से खरीदी जा सकेगी.
- अभी तक प्रदेश में सिर्फ 4 लाइसेंस थे.

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