सुमित्रा ताई को भी ट्रेनों में मसाज सुबिधा पर एतराज

रतलाम रेल डिवीजन ने इंदौर स्टेशन से रवाना होने वाली 39 ट्रेनों में यात्रियों को मसाज की सुबिधा देने का निर्णय लिया है जिसकी जानकारी रेलवे बोर्ड के मीडिया एंड कम्युनिकेशन डायरेक्टर राजेश बाजपाई द्वारा दी थी। इस ख़बर को रेल भास्कर डॉट इन जे चीफ एडिटर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद रेल मंत्रालय और बोर्ड में भारी हड़कंप मचा। आम नागरिको और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए रेल की पहल पर आक्रोश जताया। इस मामले को लेकर सबसे पहले मेंबर ऑफ पार्लियामेंट शंकर लालवानी इंदौर ने आपत्ति जताते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजा है। उसके बाद ताई ने भी नाराजी जताई है।

शंकर लालवानी द्वारा रेलमंत्री को भेजे गए पत्र के मुताबिक ट्रेन में मसाज की सुबिधा कितनी अच्छी है। महिलाओं के सामने यह होना क्या ठीक है। इससे समाज और भारतीय संस्कृति पर क्या असर पड़ेगा। संस्कृति के विपरीत इस तरह रेल राजस्व कमाने की पहल से रेलवे की छबि पर खराब असर पड़ेगा। यह नाराजी जताते हुए लालवानी ने रेलवे को सुझाव दिया है कि स्टेशन और डॉक्टर सुबिधा हो,यात्रियों को उपचार मिले और भी तरीको से रेल राजस्व बढ़ाया जा सकता है लेकिन मसाज की पहल निम्नस्तरीय है। इससे में सहमत नही हु। उनके बाद सुमित्रा महाजन ने भी घोर आपत्ति जताई है। देखना यह है कि रतलाम डिवीजन द्वारा उक्त नाराजी के बाद क्या निर्णय लेता है।
उल्लेखनीय है की सफर के दौरान होने वाले थकावट से बचा जा सके इसके लिए रतलाम डिवीजन के इंदौर स्टेशन से रवाना होने वाली ट्रेनों में यात्रियों को मसाज की सुबिधा मिलेगी | मुख्य रूप सबसे पहले इसे इंदौर से अमृतसर एक्सप्रेस, नई दिल्ली इंदौर एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस शामिल है। देखा जाए तो यह रेलवे के इतिहास में पहली बार इस तरह की सुबिधा देकर रेल राजस्व बढ़ाने की निर्णय लिया गया है। रेलवे का मानना है कि इस तरह की सुबिधा से यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा जिससे चलते रेलवे बोर्ड अतिरिक्त रेवेन्यू कमा सकता है
20-25 दिनों में शरू होगी
कहा जा रहा है कि उक्त सुबिधा इंदौर से 20-25 दिनों में शरू हो सकती है। इसके लिए समय सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे रखा गया है जिसमें फुट मसाज, हेड मसाज आदि शामिल होंगे जिनके लिए कुछ अतिरिक्त किराया जमा करना होगा। यात्रियों को मसाज करवाने का यह प्रस्ताव वेस्टर्न रेलवे जोन की रतलाम डिवीजन से बोर्ड पहुचा है।
स्लीपर कोच में कैसे होगी मसाज
इस संबंध में यात्रियों का कहना है कि ऐसी कोसह तो ठीक है वहा मसाज करने और करवाने वाले को कोई परेशानी नही होगी लिकिंन स्लीपर कोच जहां 72 बर्थ में 150 यात्री सफर करते है । महिलाओ और युवतियों के बीच मसाज करना और करवाना कितना उचित होगा। यह संस्क्रति और मर्यादा के विपरीत है। रेल राजस्व बढ़ाने के और भी तरीके हो सकते है। बोर्ड चाहे तो ट्रेन टीटीई पर लगाम कसे जो एक ट्रिप में 5 से 10 हजार रुपए तक कमा रहे है। कई ऐसे टीटीई कर्मी है जो डयूटी के समय एक भी रशीद नही बनाते पूरा रुपया जेब मे रखकर रेलवे को चुना लगा रहे है।

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