नई दिल्ली कांग्रेस कर्नाटक चुनाव के नतीजों को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। राज्य में फिर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत से अधिक सीटें जीतने के दावे के साथ कांग्रेस ने प्लान ‘बी’ भी तैयार किया है। कांग्रेस मणिपुर और गोवा में हुई राजनीतिक चूक नहीं करना चाहती है। इसलिए दो वरिष्ठ रणनीतिकारों अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद को कर्नाटक रवाना कर दिया है।
सिद्धारमैया के बयान ने बढ़ाईं मुश्किलें
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के दलित के लिए कुर्सी छोड़ने के बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाई हैं। हालांकि, पार्टी सिद्धारमैया के बयान में उनकी मंशा और भावना देखने की बात कह रही है।
प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि किसी दलित लीडर के लिए वे स्वार्थ छोड़ने को तैयार हैं। इसके लिए पार्टी उनका धन्यवाद करती है। जीतने के बाद पार्टी के विधायक और नेतृत्व सीएम पर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक की दशा और दिशा बदली। क्या किसी दलित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुर्सी छोड़ेंगे। ऐसी सोच और व्यक्ति कांग्रेस में ही हैं।
खड़गे के नाम पर लगने लगीं अटकलें सिद्धारमैया के बयान के बाद कर्नाटक से सांसद और लोकसभा में दल के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े के नाम पर चर्चा शुरू हो गई। मीडिया से घिरे दलित नेता खड़गे ने तटस्थ रहते हुए कहा कि मीडिया हमारे बीच मतभेद पैदा करना चाहती है। उनका कहना है कि सीएम का फैसला हाईकमान करेगा।