वुहान के ईस्ट लेक में शी जिनपिंग संग किया नौका विहार, ली चाय की चुस्की

वुहान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत प्रसिद्ध ईस्ट लेक के किनारे सैर के साथ की और उसके बाद नौका सवारी का आनंद लिया. इस दौरान मोदी-शी ने चाय की भी चुस्की ली.
दोनों नेता शी द्वारा मोदी के सम्मान में दिये गए दोपहर के भोज के दौरान भी अकेले में बात करेंगे. प्रधानमंत्री आज स्वदेश के लिये रवाना होंगे. दोनों नेताओं ने कल गर्मजोशी भरे माहौल में व्यापक बातचीत की थी. अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंध को सुधारने और संबंधों में कड़वाहट भरने वाले विवादित मुद्दों के समाधान पर बातचीत हुई.
 पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने ली चाय की चुस्की और कई मुद्दों पर की बात मोदी-शी ने वुहान में झील के किनारे सैर के साथ ही करीब एक घंटे तक नौका - विहार किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्ट लेक के किनारे किया सैर. शुक्रवार को मोदी-जिनपिंग के बीच हुई लंबी बातचीत
शुक्रवार को मोदी-जिनपिंग ने वुहान में दो दिवसीय 'अनौपचारिक' वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. दोनों नेताओं की मुलाकात को नाम भले ही 'अनौपचारिक बैठक' का दिया गया हो लेकिन इस आयोजन के निशान किसी भी औपचारिक बैठक जैसे हैं और अहमियत उससे भी ज्यादा. भारत और चीन के नेताओं के बीच महज 30 मिनट के लिए तय मुलकात अगर दो घण्टे चल जाए तो इस बात का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है कि टेबल पर आमने सामने बैठे नेताओं के बीच बिना एजेंडा बात नहीं हुई होगी.


ऐसे में स्वाभाविक है कि दोनों पक्षों ने इस मुलाकात से पहले ही सम्भावित नतीजों की संभावनाएं भी खंगाल ली होंगी. लिहाजा बातचीत की मेज पर आतंकवाद के मुद्दे से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात, पर्यावरण से लेकर परिवहन परियोजनाओं पर चर्चा होने लाजिमी ही. आपसी कारोबार दोनों नेताओं के बातचीत की एक अहम धुरी है.


संकेत हैं कि दो दिनी बैठक में करीब 10 घंटे साथ बिताने के बाद दोनों नेता रिश्तों के नए रोडमैप को मंजूरी दे दें. पीएम मोदी ने अगले साल ऐसी ही अनौपचारिक बैठक के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत आने का न्योता देकर अपनी मंशा की बानगी दे दी. इतना ही नहीं बैठक के दौरान पीएम ने एक नए पंचशील का मंत्र भी दिया.


मोदी ने कहा की मेरे New India के विचार और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की New Era की संकल्पना में काफी समानता है. इसे भारत और चीन पांच बातों से साथ अधिक प्रभावी बना सकते हैं- सोच, संपर्क, सहयोग, समान संकल्प और समान सपने. वहीं राष्ट्रपति जिनपिंग ने भारत और चीन को दुनिया की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन करार देते हुए कहा कि दोनों मुल्कों के राहतों का भविष्य उज्वल है.


सूत्रों के मुताबिक दोनों तरफ से लंबी तैयारियों के बाद हो रही इस बैठक में पहले से तय समझौतों पर मुहर लगाने को बात भले न हो रही हो लेकिन सामझौते कहां और कैसे हो सकते हैं इसपर चर्चा जरूर हो रही है. कारोबार से लेकर सीमा और अंतरराष्ट्रीय बाजार से लेकर आपसी कारोबार के कई अहम मुद्दे मेज़ पर हैं.


स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच लंबी मुलाकात और चर्चा की पटकथा के साथ तय इस बैठक को नतीजों के बोझ और ऐलानों की बंदिशों से बचाने के लिए इसका नामकरण पर अनौपचारिकता लफ्ज़ का पर्दा डाला गया. साथ ही यह गलियारा भी छोड़ा गया कि यदि सहमति के बिंदु नहीं बनते तो दोनों देश सहजता से उससे किनारा कर सकें.


दोनों आला नेताओं के बीच दोस्ताना माहौल बनाने की कोशिश में पहले दिन की मुलाकात के दौरान जहां मेज़बान जिनपिंग ने गर्मजोशी दिखाई वहीं खास मेहमान मोदी का उत्साह भी नज़र आया. हुबेई म्यूजियम से शुरू हुए इस दौरे में राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी को किसी गाइड की तरह संग्रहालय में कलाकृतियों को दिखाया. इतना ही नहीं डोकलाम विवाद के बाद दोनों नेताओं के बीच हो रही पहली सीधी मुलाकात भी निर्धारित समय से ज़्यादा चली.

सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति सीधी मुलाकात में निर्धारित 30 मिनट की बजाए करीब पौन घंटा साथ थे. इसके अलावा पूर्व में केवल 30 मिनट के लिए रखी गई प्रतिनिधिमंडल स्तर वार्ता भी करीब दो घंटे तक चली. इस बैठक में भारत और चीन की तरफ से नेताओं के साथ केवल 6 अधिकारी थे.


भेंट की पेंटिंग
प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को तोहफे में प्रसिद्ध चीनी पेंटर शू बेहोंग की शांतिनिकेतन में बनाई दो पेंटिंग का रीप्रिंट दी. भेंट की गई कलाकृतियों में एक पेंटिंग The Horse और दूसरी Sparrows and Grass है. शू बेहोंग (1895-1953) ने शांतिनिकेतन के कला भवन में 1939 से 1940 तक पढ़ाया. बेहोंग शांतिनिकेतन में पढ़ने वाले चीन के पहले विजिटिंग प्रोफेसर थे. प्रधानमंत्री की इस यात्रा के लिए भारतीय कला संबंध परिषद ने विशेष रीप्रिंट करवाया. हालांकि अभी यह नही पता चल पाया कि पीएम मोदी को रिटर्न गिफ्ट में क्या मिला.

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