बंगाल में हथियार के साथ रैली करने पर बैन, हनुमान जयंती को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा

नई दिल्ली पश्चिम बंगाल में राम नवमी के दौरान हुई हिंसा से सबक लेकर राज्य की पुलिस ने शनिवार को मनाए जाने वाले हनुमान जयंती समारोह के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

पश्चिम बंगाल पुलिस ने अगले दो दिनों के लिए सभी मंदिरों, मस्जिदों और धार्मिक संस्थानों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की है और सशस्त्र रैलियों और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है.

आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर एलएन मीणा ने कहा, 'हमने प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों से अतिरिक्त बल बुलवाया है, इस दौरान केवल बिना हथियारों के जुलूस को ही अनुमति होगी.'

उन्होंने बताया कि पुलिस उन सभी शरारती तत्वों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है, जो हिंसा फैलाने का प्रयास कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि 60 से ज्यादा व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस की छापेमारी जारी है.'

प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य के डीजीपी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर), गृह सचिव और मुख्य सचिव के साथ बैठक की और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.

राज्य में राम नवमी उत्सव के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए बीजेपी और विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने हनुमान जयंती के अवसर पर किसी भी बड़ी रैली को नहीं निकालने का फैसला किया है. दोनों पार्टी और संगठन ने अपने कार्यक्रमों को मंदिर और स्थानीय क्लबों तक सीमित रखने का फैसला किया है.

पश्चिम बंगाल में भाजपा के महासचिव सायंतन बासु ने कहा कि हनुमान जयंती पर पार्टी कोई रैली नहीं निकालेगी. वहीं, राज्य वीएचपी अध्यक्ष सचिंद्रनाथ सिंह ने बताया कि हनुमान जयंती पर रैली निकालने से गलत संदेश जाएगा. हालांकि, सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हनुमान जयंती मनाने का फैसला किया है.

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