मुंबई पब हादसा: मदद में गई दो भाइयों की जान, अमेरिका से आए थे छुट्टी मनाने

वे दोनों एनआरआई भाई अपने परिवार और दोस्तों संग छुट्टी मनाने गए थे. आग लगी और वे अपने अंकल-आंटी के साथ एक्जिट गेट तक सुरक्षित पहुंचने में कामयाब भी हो गए थे. लेकिन वे वापस लौट गए, ताकि बाकी लोगों को उस भीषण आग से बचने में मदद कर सके. उन दोनों भाइयों ने कई लोगों को वहां से बाहर निकलने में पूरी सहायता की और फिर खुद उस आग में फंस गए.

मुंबई के कमला मिल परिसर में बने रूफटॉप पब में 29 दिसंबर को लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में मरने वालों में दो एनआरआई भाई भी शामिल हैं, जिन्होंने लोगों की मदद के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. अमेरिका में अपनी आंटी भारती के साथ रहने वाले धैर्य (उम्र-26 साल) और विश्वा ललानी (उम्र- 22 साल) ये दोनों भाई अपने परिवार के साथ यहां डिनर के लिए आए थे.  

एक्जिट गेट तक आने के बाद वापस चले गए दोनों भाई

भारती बताती हैं, 'जैसे ही आग लगी, सभी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और इसी भगदड़ में लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर भी रहे थे. मैं और मेरे पति भी रेस्टोरेंट की सीढ़ियों पर गिर गए और हमारे ऊपर कई और लोग गिर पड़े.' पेशे से इंजीनियर धैर्य और हाल ही ग्रेजुएट हुए विश्वा अपनी आंटी और अंकल के साथ एक्जिट गेट तक पहुंच चुके थे, लेकिन तभी उन्हें पता चला कि बाकी रिश्तेदार पीछे छूट गए हैं और वे उन्हें बचाने के लिए वापस चले गए.

कई लोगों को सुरक्षित निकलने में की मदद

भारती ने बताया, 'हम बाहर आने वाले हर शख्स से पूछने लगे कि ऊपर सीढ़ियों पर क्या हो रहा है, हमारे भतीजे कहां हैं. कुछ लड़कों ने बताया कि धैर्य और विश्वा ने कई लोगों को आग से सुरक्षित निकलने में मदद की, पर वे खुद उसमें फंस गए. मुझे बार-बार यही महसूस हो रहा था कि अभी वे बिल्कुल हमारे पीछे थे और अब हमसे हमेशा के लिए दूर चले गए हैं.'

शोक में डूबा परिवार

धैर्य और विश्वा के माता-पिता मुंबई में रहते हैं और केटरिंग का बिजनेस करते हैं. शोक में डूबे उनके परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा है कि इस भयानक हादसे में वो अपने दोनों बेटों को खो चुके हैं, जो उस रात छुट्टी मनाने के लिए उनके साथ आए थे. बता दें कि इस हादसे में 55 लोग घायल हुए हैं.

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