ब्रिटिश क्वीन का विदेशों में इन्वेस्टमेंट, US के मंत्री के रूस से कारोबारी रिश्ते: रिपोर्ट

वॉशिंगटन. अमेरिकी कॉमर्स मिनिस्टर विल्बर रॉस के रूस के साथ कारोबारी रिश्ते हैं। वे रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की करीबी माने जाने वाली एक शिपिंग फर्म से जुड़े हुए हैं। यही नहीं ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ II ने भी विदेशों (टैक्स हेवंस कंट्रीज) में काफी इन्वेस्टमेंट किया है। ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कंशोर्शियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है। बता दें ICIJ ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे।
दुनिया के कई रसूखदार लोगों के नाम
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक पैराडाइज पेपर्स में बताया गया है कि कनाडियन पीएम जस्टिन ट्रूडो के लिए पैसा जुटाने वाले और सीनियर एडवाइजर स्टीफन ब्रोनफमैन ने भी करीब 60 मिलियन डॉलर टैक्स हेवंस देशों में जमा किया है। 
- हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि रॉस, ब्रोनफमैन या एलिजाबेथ की प्राइवेट प्रॉपर्टी अवैध तरीके से जुटाई गई।
- ब्रोनफमैन के नाम सामने आने से ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दो साल पहले ट्रूडो आर्थिक असमानता और टैक्स खत्म करने के वादे के साथ ही सत्ता में आए थे।
- एलिजाबेथ के टैक्स हेवंस देशों में इन्वेस्टमेंट से ये सवाल उठ सकता है कि क्या ब्रिटेन की प्रमुख होने के नाते उन्हें ऐसा करना चाहिए?
क्या था पनामा पेपर्स केस?
- पिछले साल ब्रिटेन में पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे। इसमें बताया गया था कि व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने कैसे अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की। लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स में इस बात का पता चला था कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया था। इन लोगों ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉर्पोरेशंस बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया था। 
- लीक हुई लिस्ट खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट्स के बारे में बताती है।
- सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता।
- पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।
किसके डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे, क्या है मोसेक?
- ये डॉक्युमेंट्स मोसेक फोंसेका (Mossack Fonseca) के लीक हुए थे। यह लीगल फर्म है, जिसके 35 देशों में ऑफिस हैं। इन डॉक्युमेंट्स में 2 लाख 14 हजार अकाउंट्स का जिक्र था। ये करीब 40 साल से पनामा की बैंकों में हैं। 
- 1977 में बनी मोसेक फोंसेक का हेडक्वॉर्टर पनामा में है। यह दुनियाभर की कंपनियों या लोगों से मोटी फीस लेकर उन्हें फाइनेंशियल मैटर्स पर एडवाइज देती है। 
- इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एडवाइज की आड़ में यह कंपनी ऑफशोर कंपनियां बना देती हैं। यानी आप फीस दीजिए और सीक्रेट और आसान टैक्स सिस्टम वाले देशों में कंपनियां बना लीजिए। यह लीगल फर्म लोगों की ऑफशोर कंपनियां बनाती हैं जो संबंधित देशों के टैक्स नियमों से तो चलती हैं लेकिन रियल ओनरशिप को छुपा देती हैं।

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