नर्मदापुरम (उमरधा गांव)। बीमा क्लेम और कर्ज़ से बचने के लालच में एक परिवार ने ऐसी हैरान कर देने वाली साजिश रच डाली, जिसने पूरे गांव को चौंका दिया। उमरधा गांव के रहने वाले राजेंद्र कुशवाह और उनके भाई हल्के भैया ने अपने ही जिंदा बेटे नर्मदा कुशवाह को कागज़ों पर मृत घोषित कर दिया।
27 मार्च को दोनों ने नर्मदा की मौत का झूठा दावा किया और 12 अप्रैल को बाकायदा मृत्यु प्रमाणपत्र तक बनवा लिया।
राखी के बाद खुला राज
गांव वालों को असली कहानी तब पता चली जब राखी के अगले दिन भुजरिया देने वे उनके घर पहुंचे। वहां यह देखकर सभी दंग रह गए कि नर्मदा कुशवाह ज़िंदा है। तुरंत ही पंचायत को खबर दी गई और पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
कैसे बुनी गई साजिश
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नर्मदा कुशवाह ट्रैक्टर चालक थे और दो साल पहले एक हादसे में बुरी तरह घायल हो गए थे।
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पिता और चाचा ने बीमा क्लेम व फाइनेंस कंपनी का लोन बचाने के लिए मृत्यु का झूठा खेल रचा।
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बीमा एजेंट की मदद से क्लेम की प्रक्रिया भी शुरू कर दी और फाइनेंस कंपनी को भी बेटे की मौत की झूठी सूचना दे दी।
जांच और कार्रवाई
पंचायत ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई और फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। जनपद पंचायत सीईओ ने भी जांच के आदेश जारी किए हैं।
इधर, राजेंद्र कुशवाह और हल्के भैया गांव से गायब हो गए हैं और बेटे नर्मदा को लेकर इंदौर में छिपे होने की बात सामने आ रही है।
बीमा कंपनी का पक्ष
एलआईसी पिपरिया शाखा प्रबंधक ने बताया कि अब तक क्लेम का आवेदन कंपनी तक नहीं पहुंचा है। इसी वजह से धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई।
