साइबर ठगों की गिरफ्तारी, पुलिस जांच जारी
फरीदाबाद।देश में साइबर ठगी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बीच हरियाणा के फरीदाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक स्थानीय निवासी ने एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप है कि एक महिला ने डेटिंग ऐप के माध्यम से पहले दोस्ती की, फिर उसे शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर फंसाया।
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी महिला ने पीड़ित से पहले डेटिंग ऐप पर संपर्क साधा और धीरे-धीरे बातचीत को व्हाट्सएप तक पहुंचाया। यहीं से ठगी की पटकथा लिखी गई। महिला ने खुद को शेयर बाजार में अनुभवी निवेशक बताते हुए एक ऐप के लिंक के माध्यम से पीड़ित को निवेश के लिए प्रेरित किया। झांसे में आए व्यक्ति ने चरणबद्ध तरीके से अपने बैंक खाते से कुल ₹1,10,85,600 निवेश के नाम पर ट्रांसफर कर दिए।
जब पीड़ित ने निवेश से लाभ उठाने और अपनी राशि वापस लेने की बात कही, तो आरोपियों ने उससे और ₹24 लाख की मांग की। इस पर उसे संदेह हुआ और उसने तत्काल साइबर पुलिस से संपर्क किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सेंट्रल साइबर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी दो साइबर ठगों—सत्यम और राज कपूर को गिरफ्तार कर लिया।
ठगी का नेटवर्क: एक बैंक खाता और तकनीकी जाल
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राज कपूर ठग गिरोह को बैंक खाता उपलब्ध कराता था, जिसमें ठगी की रकम को स्थानांतरित किया जाता था। अब तक की जांच में इस खाते में करीब ₹10 लाख की संदिग्ध रकम ट्रेस की जा चुकी है।
दोनों आरोपियों को फरीदाबाद की जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ जारी है और संभवतः यह एक संगठित साइबर गैंग का हिस्सा है।
साइबर फ्रॉड का बदलता चेहरा
यह मामला न सिर्फ ठगी के नए तौर-तरीकों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अपराधी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस बार-बार सतर्क रहने की अपील कर रही है, लेकिन ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या यह सवाल उठाती है कि क्या मौजूदा साइबर सुरक्षा तंत्र पर्याप्त है?