जबलपुर । पाटन विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिक शाला देवरी घर्रा में पदस्थ प्यून मनोज बर्मन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अब शिकायतकर्ता अतिथि शिक्षक पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को ऑडियो सबूत सौंपे जा चुके हैं, बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अतिथि शिक्षक राहुल अहिरवार ने जिला प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी को एक लिखित शिकायत दी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि प्यून मनोज बर्मन ने वेतन निकासी की प्रक्रिया के एवज में ₹2,000 की रिश्वत मांगी थी। राहुल द्वारा प्रस्तुत की गई ऑडियो क्लिप में मनोज बर्मन साफ तौर पर यह कहते सुना जा सकता है कि "तुम्हारा काम नियम विरुद्ध करवा दिया है, अब मेरे ₹2,000 दो", साथ ही यह भी कहा गया कि यह राशि वरिष्ठ कार्यालय तक पहुंचाई जानी है।
इस गंभीर आरोप के बावजूद विभागीय कार्रवाई केवल नोटिस तक ही सीमित है। सूत्रों के अनुसार, मनोज बर्मन की पहुंच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक है, जिसके चलते उस पर अब तक कोई ठोस अनुशासनात्मक कदम नहीं उठाया गया।
अब शिकायतकर्ता अतिथि शिक्षक राहुल अहिरवार ने आरोप लगाया है कि खुद आरोपी मनोज बर्मन और शाला के प्रधानाध्यापक माधव सिंह धुर्वे उन्हें लगातार फोन कर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। राहुल का कहना है कि शिकायत के बाद से उन्हें रोजगार से भी वंचित किया गया है और वर्तमान में उन्हें मजदूरी करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
राहुल ने दोबारा जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है और यह सवाल खड़ा किया है कि ऑडियो जैसे ठोस प्रमाण होने के बावजूद आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वालों को ही सजा दी जा रही है?
यह मामला न केवल विभागीय अनियमितताओं की ओर संकेत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शिकायतकर्ता की सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर विभाग कितना संवेदनशील है।