सनक ने बना दिया गुनहगार: ससुराल पर बम फेंकने वाले को मिली उम्रकैद

 



चूरू, राजस्थान। इंसान की सनक कभी-कभी उसे ऐसा गुनाहगार बना देती है, जिससे उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला राजस्थान के चूरू जिले में सामने आया, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की बेवफाई से नाराज होकर ऐसा खतरनाक कदम उठाया कि उसका अंजाम न केवल उसके लिए बल्कि अन्य कई लोगों के लिए भी भयावह साबित हुआ। पत्नी के प्रेम प्रसंग से गुस्साए इस व्यक्ति ने अपने ससुराल पर देसी बम फेंक दिया, जिसमें एक महिला घायल हो गई और एक युवक की मौत हो गई। अब न्यायालय ने इस मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और 75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
क्या है पूरा मामला?

हनुमानगढ़ जिले के भादरा तहसील के छोटे से गांव गड्डा के निवासी झाबर सिंह की शादी चूरू जिले के पोटी गांव में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ गई। झाबर सिंह की पत्नी, उससे अलग होकर मायके चली गई और वहां एक गैर पुरुष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी। पत्नी की इस हरकत से झाबर सिंह बेहद आहत और नाराज था। गुस्से और बदले की भावना से भरकर उसने अपनी ससुराल के खिलाफ एक खतरनाक योजना बना डाली।
देसी बम से किया हमला

आरोप है कि झाबर सिंह ने अपनी नाराजगी और गुस्से को जाहिर करने के लिए खुद ही एक देसी बम तैयार किया। इस बम का धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरे गांव में दहशत फैल गई। वारदात के दिन, झाबर सिंह अपनी ससुराल पहुंचा और गेट के बाहर से ही बम फेंक दिया। बम फटने से उसका साला, साले की पत्नी और उनके बेटे मोनू पर सीधा प्रभाव पड़ा।

मोनू का एक हाथ बम के धमाके से कटकर शरीर से अलग हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। साले की पत्नी बुरी तरह झुलस गई। इस घटना से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। पीड़ित परिवार ने तुरंत रतन नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस की जांच और कोर्ट का फैसला

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए झाबर सिंह को गिरफ्तार किया और घटना से जुड़े सभी सबूत इकट्ठा किए। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कुल 21 गवाहों और 68 दस्तावेजों को पेश किया गया।

चूरू के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार ने सभी गवाहियों और सबूतों की बारीकी से समीक्षा की। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने झाबर सिंह को आजीवन कारावास और 75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने एक ऐसा अपराध किया है जिसे किसी भी प्रकार से माफ नहीं किया जा सकता।
सनक ने ली दो जिंदगियां

इस घटना ने यह साबित किया है कि सनक और गुस्से में उठाया गया कोई भी कदम कई जिंदगियों को तबाह कर सकता है। एक तरफ झाबर सिंह अब अपनी बाकी जिंदगी जेल में बिताएगा, वहीं दूसरी तरफ मोनू की मौत से उसका परिवार भी कभी न खत्म होने वाले दुख का सामना कर रहा है। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि गुस्से और बदले की भावना में आकर किए गए अपराध का अंजाम हमेशा दर्दनाक होता है।

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