जनसुनवाई छोड़कर कब्जा दिलाने पहुंच गए कलेक्टर, जानें- फिर क्या हुआ?



कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी भी अन्याय की श्रेणी में आता है. इस पंक्ति को चरितार्थ करते हुए रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी जनसुनवाई में आई शिकायत के बाद खुद पीड़ित पक्ष को कब्जा दिलाने के लिए मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित लोगों को कब्जा ही नहीं दिलाया बल्कि अवैध कब्जाधारियों को नेस्तनाबूद करने की चेतावनी तक दे डाली.

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लोगों को की सुविधा के लिए जन सुनवाई शुरू की थी. चुनावी साल में इस जनसुनवाई के फायदे लोगों को ताबड़तोड़ मिलने जा रहे हैं. आलम यह है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी खुद जन सुनवाई करते हुए पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए मॉनिटरिंग कर रहे हैं . इन सबसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने ताबड़तोड़ न्याय कर दिया. खुद कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने एबीपी न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि उनके पास जनसुनवाई में कुछ पीड़ित लोग आए थे.

जनसुनवाई छोड़ कब्जा दिलाने पहुंचे कलेक्टर
उनका कहना था कि पूर्व पार्षद अज्जू शैरानी के परिवार के लोगों ने उन्हें जमीन बेची है, मगर सारी कार्रवाई होने के बावजूद कब्जा नहीं दे रहे हैं. कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि इस प्रकार की शिकायत शैरानी परिवार के खिलाफ कई लोग कर चुके हैं. 2 दिन पहले ही समाजसेवी मुरली मोहन को भी कब्जा धारियों से जमीन दिलवाई गई थी. उनके खिलाफ बार-बार शिकायत आने पर वे खुद जनसुनवाई छोड़कर मौके पर पहुंचे और कब्जा दिलवाया. इस दौरान जनसुनवाई में अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों की समस्याएं सुनी.

कलेक्टर ने कहा- धमकाया तो नेस्तनाबूद कर दूंगा
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि शेरानी परिवार के कुछ लोग जेल में बंद हैं, जबकि कुछ लोगों द्वारा लगातार जमीन के खरीदारों को धमकाया जा रहा था. उन्होंने धमकी देने वालों को स्पष्ट रूप से अल्टीमेटम दिया है कि अगर वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो इसके परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेंगे. कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी का यह वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे धमकी देने वालों को नेस्तनाबूद करने की चेतावनी दे रहे हैं.

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