आजकल फॉइल पेपर का चलन काफी बढ़ गया है। जब सुबह टिफिन पैक करते हैं तो उसमें रोटियों को फॉइल पेपर में लपेटकर रखते हैं। हम कहीं बाहर से भी खाना पैक कराते हैं तो वहां भी रोटियों को फॉइल पेपर में लपेटकर देते हैं। ऑफिस जाते वक्त पत्नी या फिर घर में खाना बनाने वाली दीदी रोटियों को फॉइल पेपर में लपेटकर आपके टिफिन में डाल देती हैं। बच्चों के टिफिन के साथ भी ऐसा ही होता है। इसके बाद हम उसे बड़े चाव से यह कह कर खाते हैं कि यह घर का खाना है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि फॉइल पेपर में लपेटी हुई रोटियों में गर्माहट बनी रहे। लेकिन अगर समय रहते आपने ध्यान नहीं दिया और इस आदत को नहीं बदला तो यह आपकी सेहत पर बहुत भारी पड़ सकता है। एक स्टडी के अनुसार, फॉइल पेपर में लपेटी हुई रोटियां आपको गंभीर बीमारी का शिकार बना सकती हैं।
स्टडी में हुआ खुलासा
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एनवायरमेंट हेल्थ साइंसेज में बतौर टॉक्सिलॉजिस्ट काम करने वाले जीन हैरी का कहना है कि एल्मुनियम में कई न्यूरोटॉक्सिक एलिमेंट पाए जाते हैं। अगर आप फॉइल पेपर में कोई भी एसिटिक चीज रखते हैं तो यह आपके शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके साथ ही जब आप गरमा गरम रोटियां फॉइल पेपर में लपेटते हैं, तो इसके ताप से एल्मुनियम पिघलने लगता है।
इन बीमारियों का खतरा
स्टडी के अनुसार एल्मुनियम पिघल कर अगर हमारे शरीर में चला गया तो अल्जाइमर का खतरा बढ़ा देता है। इसके अलावा फॉइल पेपर का ज्यादा इस्तेमाल हमारी हड्डियों को कमजोर करता है और अगर एल्मुनियम ज्यादा मात्रा में हमारे शरीर में प्रवेश कर गया तो हमें ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
फॉइल पेपर की जगह ये करें इस्तेमाल
आप रोटियों को रखने के लिए कांच के टाइट टिफिन का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, इस कंटेनर में आपको रोटियां ठंडी करके रखनी होंगी, क्योंकि अगर आप इसमें गरम रोटियां रखेंगे तो वह पसीज जाएंगी यानि रोटियां भाप से गीली हो जाएंगी और खाने लायक नहीं रहेंगी। इसके साथ ही रोटियों को रखने के लिए सबसे सटीक तरीका एक साफ सुथरा कपड़ा है।