आषाढ़ माह के पहले रविवार को ऐसे करें सूर्य पूजा, मिलेगी अपार सफलता और पराक्रम



आज 19 जून को आषाढ़ माह का पहला रविवार है. हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है. इस दिन सूर्य पूजा से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं. हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने में सूर्य पूजा का खास महत्त्व बताया गया है. कहा जाता है कि आषाढ़ माह में रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से भक्तों को अपनी ही तरह तेज और सकारात्मक शक्ति प्रदान करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने, मंत्रों का जाप करने और सूर्य को नमस्कार करने से बल, बुद्धि, ज्ञान, वैभव और पराक्रम की प्राप्ति होती है. रविवार के दिन व्रत रखने और सूर्य देव की पूजा करने से किसी भी ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है.

सूर्यदेव की पूजा विधि

रविवार के दिन प्रातः काल उठकर स्नानादि से निवृति होकर सफ़ेद वस्त्र धारण करें. उसके बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें. तांबे के लोटे में ताजा पानी भरकर नजदीक के नवग्रहों के मंदिर में जाएं. वहां सूर्यदेव को लाल चंदन लगाकर कुमकुम, चमेली और कनेर का फूल अर्पित करें. उनके सामने धूप, दीप और अगरवत्ती जलाएं. मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करें और ॐ सूर्याय नमः का मंत्र जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें. इसके बाद सूर्यदेव की आरती करें तथा प्रसाद वितरण करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से सारे दुःख दूर हो जायेंगे. सूर्यदेव आपकी मनोकामना पूरी करेंगे. उनकी कृपा से हर कार्यों में सफलता मिलेगी और आपके पराक्रम में वृद्धि होगी.

सूर्यदेव की पूजा से लाभ

धार्मिक मान्यता है कि सूर्यदेव की पूजा करने से भक्तों को सारी कठिनाइयों से मुक्ति मिल जाती है. व्यक्ति निडर और बलवान बनता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सूर्य की पूजा करता है. वह बुद्धिमान, विवेकवान, विद्वान और मधुरभाषी होता है.

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