कोरोना मरीज़ भी उठा सकते है आयुष्मान भारत योजना का लाभ....


कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले लंबे समय से हर कोई परेशान है। इस बीमारी ने अब तक काफी ज्यादा संख्या में लोगों की जान ले ली है, तो वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से लोगों को अस्पतालों में लंबे समय के लिए भर्ती तक होना पड़ रहा है। वहीं, अब इस वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने हर किसी की चिंता को और बढ़ा दिया है। ऐसे में आम आदमी तो इसलिए भी सबसे ज्यादा चिंता में है कि अगर उसे कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा, तो उसके पास तो इलाज के लिए पैसे ही नहीं होंगे? ऐसे में उसका इलाज कैसे होगा? अगर आपके मन में भी इस तरह की चिंता है, तो हम आपको आयुष्मान गोल्ड कार्ड के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको अस्पताल में भर्ती होने पर आपका फ्री में इलाज करवाएगा। जी हां, और आपको इसके लिए पैसे भी नहीं देने होंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप इस कार्ड को कैसे बनवा सकते हैं, और आप इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं।

दरअसल, आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लोगों को ये कार्ड बनाकर अस्पतालों में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज किया जाता है। वहीं, कोरोना का इलाज भी इसमें किया जा सकता है। इसलिए अगर आपके पास ये कार्ड है या आपने नहीं बनवाया है तो आप इसे बनवाकर इसका लाभ कोरोना काल में भी ले सकते हैं।
ऐसे बनवा सकते हैं गोल्ड कार्ड:-

स्टेप 1
आपको सबसे पहले अपने नजदीकी पब्लिक सर्विस सेंटर पर जाना होगा, जहां केंद्र के अधिकारी आपका नाम आयुष्मान योजना लाभार्थी सूची में आपका नाम देखेंगे।
स्टेप 2
फिर जन सेवा सेंटर अधिकारी आपका पंजीकरण करेंगे, जिसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड दे दिया जाएगा। इसके 15 दिन के अंदर आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड जारी कर दिया जाएगा।
ये दस्तावेज चाहिए होंगे:-

-आधार कार्ड
-पैन कार्ड
-राशन कार्ड
-मोबाइल नंबर (रजिस्टर्ड)
-पासपोर्ट साइज तस्वीर।
वहीं, देश के गरीब और जरूरतमंद तबके के लगभग 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा आयुष्मान भारत योजना के तहत दी गई है। इससे लोगों का इलाज मुफ्त में किया जाता है। हालांकि, इसके लिए कुछ पात्रताएं भी होना जरूरी है।

ग्रामीण क्षेत्र में वही लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जिनका मकान कच्चा हो, परिवार का मुखिया कोई महिला हो, परिवार में कोई व्यस्क यानी 16-59 उम्र का न हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, व्यक्ति भूमिहीन/दिहाड़ी मजदूर बेघर, अनुसूचित जाति/जनजाति से हो, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी या जो कानूनी रूप से मुक्त हुआ बंधुआ मजदूर हो। इस तरह के लोग इसके पात्र होते हैं।

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