जबलपुर में बीते 24 घंटों में 21 पॉजिटिव केस आए जो 7 महीने बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं पूरे मध्यप्रदेश की बात की जाए तो 24 घंटे में यहां 221 कोरोनो संक्रमित मिले हैं.
जबलपुर में कोरोना की तीसरी लहर ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. जबलपुर में बीते 24 घंटों में 21 पॉजिटिव केस आए जो 7 महीने बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं पूरे मध्यप्रदेश की बात की जाए तो 24 घंटे में यहां 221 कोरोनो संक्रमित मिले हैं. जबलपुर में अब एक्टिव केस की संख्या 50 तक पहुंच गई है. जबलपुर में ओमीक्रॉन का फिलहाल कोई मामला सामने नही आया है, हालांकि इसकी एक वजह समय पर जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट न मिलना भी हो सकती है.
मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले
अब मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण बहुत तेज गति से बढ़ रहा है. सोमवार को नए संक्रमितों का आंकड़ा 221 पर पहुंच गया, जो कि रविवार के मुकाबले 32% ज्यादा है. इनमें सर्वाधिक मामले 137 इंदौर में आये जबकि राजधानी भोपाल में 69 और जबलपुर में 21 मामले सामने आए. इंदौर में एक मरीज की मौत भी हुई है.
जबलपुर में कल आए थे 21 नए मामले
जबलपुर जिले में बीते 24 घण्टे के दौरान 5310 की जांच में कोरोना के 21 नए मिले हैं. इसके पहले 21 जून 2021 को 23 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आये थे.जिले में अभी तक 50885 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके है, जिनमें से 50162 स्वस्थ हो गए.रिकवरी रेट 98.61 प्रतिशत है.लेकिन इस दौरान 675 लोगों की कोरोना संक्रमण से जान भी चली गई.
तीसरी लहर से निपटने की तैयारी देखने पहुंचे मंत्री
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने जिले में की गई तैयारियों का जायजा लेने जबलपुर प्रवास पर पहुंचे प्रदेश के लोक निर्माण, कुटरी एवं ग्रामोद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने मनमोहन नगर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में बने किड्स फ्रेण्डली वैक्सीनेशन सेंटर का शुभारंभ किया.इस दौरान भार्गव ने अपनी तरह के प्रदेश के पहले इस सेंटर पर कोरोना का टीका लगवाने आये बच्चों से बातचीत भी की. उनके साथ सांसद राकेश सिंह, विधायक सुशील तिवारी इंदू, विधायक अशोक रोहाणी, जीएस ठाकुर एवं जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य शशिकांत सोनी भी मौजूद थे. मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब वैक्सीनेशन टीम को देखकर लोग घर या गांव तक छोड़ दिया करने थे. अब सभी के प्रयासों से जागरूकता का यह परिणाम है कि बच्चें भी निडर होकर अपनी बारी आने का इंतजार किये बिना पहले वैक्सीन लगाने का आग्रह कर रहे है.